धर्मांतरण का गंदा खेल: पुलिस ने किया खुलासा, सामने आई ये सच्चाई
मामला कुंडा कोतवाली के ताजपुर धमैया गांव का है। जहां धर्मांतरण और चंगाई सभा का आयोजन वर्षों से बदस्तूर जारी है। प्रार्थना सभा ताजपुर धमैया गांव के राजा गौतम के घर चल रही थी जो वर्षों से प्रत्येक रविवार को आयोजित की जाती है।
प्रतापगढ़: जिले में धर्मांतरण का खेल धड़ल्ले से चल रहा। अचानक पुलिस के पहुंचने पर जहां प्रार्थना सभा हो रही थी वहां जय श्रीराम के नारे लगने लगे। हिंदूवादी संगठनों के साथ पहुंची पुलिस ने पांच को हिरासत में ले लिया है और शांतिभंग में चालान कर दिया गया है। घटना स्थल से भारी मात्रा में ईसाई धर्म का साहित्य भी बरामद किया गया है।
धर्मांतरण और चंगाई सभा का आयोजन वर्षों से चल रहा है
यह मामला कुंडा कोतवाली के ताजपुर धमैया गांव का है। जहां धर्मांतरण और चंगाई सभा का आयोजन वर्षों से बदस्तूर जारी है। प्रार्थना सभा ताजपुर धमैया गांव के राजा गौतम के घर चल रही थी जो वर्षों से प्रत्येक रविवार को आयोजित की जाती है। अचानक हिंदूवादी संगठन के लोगों ने इलाकाई पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और प्रार्थना सभा को बन्द करवा कर तलाशी ली। तलाशी में बक्सों गत्तों में बन्द ईसाई धर्म की पुस्तकें भारी मात्रा मिला साथ ही एम्पलीफायर भी मिला।
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मौके से कार्यक्रम संचालक राजा गौतम, महेशगंज के दीवान का पुरवा का मोहित कुमार, रायपुर भरखी का सुरेश कुमार, कनावां का विशेष कुमार और फतूहाबाद का आकाश के साथ ही बरामद सामग्री लेकर थाने वापस चली गई और पांचों का चालान शांतिभंग की धारा 151 में चालान कर दिया।
इस कार्यक्रम में महिलाओं की ही ज्यादा संख्या नजर आई, पुलिस की कार्यवाई के दौरान दरोगा ने महिलाओ से मोबाइल द्वारा रिकार्डिंग करते हुए पूंछा गया किसकी पूजा कर रही थी तो महिला ने बताया कि यीशु की इस पर दरोगा जी ने पूंछ लिया ये कौन भगवान है तो महिला जवाब नही दे पाई।
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कार्यवाई के बाद जिस जगह पर यीशु दरबार सजा था वही हिंदूवादी लोगो ने जयश्रीराम की नारेबाजी शुरू कर दी। इस बाबत हमने उच्चाधिकारियों से कार्यवाई की बाबत जानकारी चाही तो उन्होंने इस पर कोई बात करने से मना करते हुए पल्ला झाड़ लिया।
संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता देता
बड़ा सवाल ये है कि संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता देता है बावजूद इसके इस तरह की कार्यवाई से पुलिस के भी धर्मनिरपेक्ष होने पर सवालिया निशान खड़ा करते है, हालांकि इस तरह के कार्यक्रम सामाजिक भेदभाव के चलते और बीमारियों से निजात पाने के लिए पनपते है जिसका लाभ धर्म का प्रचार करने वाले लोग उठाते।
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यहा आस्था इतनी गहरी थी कि कॅरोना को लेकर एक दूसरे से दूरी बना कर रखने का प्रचार होने के बावजूद लोग भारी संख्या में एकत्रित हुए थे। समाजसेवी विजय मिश्र का दावा है कि हिंदुओं की छोटी जातियों के लोग इस तरह के कार्यक्रम में लगे है रानीगंज कैंथोला के आसपास भी इस तरह की गतिविधियां संचालित हो रही है।