Hapur News: गणेश महोत्सव को लेकर डीएम ने दिए आदेश, श्रद्धालु अब गंगा में नहीं कर पाएंगे मूर्तियों को विसर्जित
Hapur News: पर्यावरण की दृष्टि से एनजीटी के आदेशों का पालन कराने को लेकर डीएम के आदेश पर नगरपालिका ने तीन चिन्हित स्थानों पर सरोकार तैयार किये जा रहे हैं। इन्हीं सरोकार में मूर्तियों का विसर्जन करना होगा।
Hapur News: गणेश महोत्सव को लेकर अब श्रद्धालु गंगा में मूर्तियों को विसर्जित नहीं कर पाएंगे। पर्यावरण की दृष्टि से एनजीटी के आदेशों का पालन कराने को लेकर डीएम के आदेश पर नगरपालिका ने तीन चिन्हित स्थानों पर सरोकार तैयार किये जा रहे हैं। इन्हीं सरोकार में मूर्तियों का विसर्जन करना होगा। इस बीच अगर गंगा में मूर्ति विसर्जन कोई करता है तो उस पर पर्यावरण शुल्क लगाने के साथ ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नगरपालिका अध्य क्ष ने की अपील
नगरपालिका अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने बताया कि पर्यावरण की दृष्टि से गंगा और नदियों में मूर्ति विसर्जन आदि पर रोक को लेकर एनजीटी ने आदेश जारी किए हुए हैं। गणेश चतुर्थी महोत्सव को लेकर नगरपालिका ने क्षेत्र में मूर्ति विसर्जन स्थान चिन्हित किए हैं। इन स्थानों पर सरोकार बनाए गए हैं। इनमें ही श्रद्धालुओं को मूर्तियों को विसर्जित करना होगा। इसके लिए नगरपालिका की ओर से श्रद्धालु और आमजन से अपील की जा रही है। नगरपालिका ने कहा है कि मेरठ मार्ग व दिल्ली मार्ग पर स्थित मध्य गंग नहर पर मूर्ति विसर्जन किया जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि गंगा को साफ-स्वच्छ बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगाई गई है। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को गणेश महोत्सव का पर्व मनाया जाएगा। उसके बाद शारदीय नवरात्रि भी आयोजित किये जायेंगे। ऐसे में मूर्तियों के विसर्जन करने का क्रेज बढ़ेगा। इसकी रोकथाम के लिए पहले से ही नगरपालिका ने तैयारी करते हुए प्लान तैयार किया है। ताकि समय से पहले सभी तैयारी पूरी कर ली जाए।
उल्लघंन करने पर 5 हजार का जुर्माना-
गढ़मुक्तेश्वर एसडीएम अंकित कुमार वर्मा ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका द्वारा पोस्टर लगाकर चेतावनी जारी की जाएगी। केवल मेरठ मार्ग व दिल्ली मार्ग स्थित मध्य गंग नहर के अलावा अन्य जगहों पर मूर्ति विसर्जन नहीं कर पाएंगे। अगर कोई व्यक्ति इन स्थानों को छोड़कर गंगा में मूर्ति विसर्जित करता हुआ मिला तो उसके खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के तहत कार्रवाई करते हुए 5 हजार रुपये का पर्यावरण शुल्क लगाया जाएगा।