तब तो सरासर झूठ दर झूठ बोले जा रहे हैं डॉ. कफील, हो गया खुलासा

लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2017 में ऑक्सीजन की कमी से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. कफील खान पर खुद को क्लीनचिट साबित करने के लिए मीडिया में गलत तथ्य पेश करने का आरोप भी लग गया है।

Update:2023-07-06 18:10 IST

लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2017 में ऑक्सीजन की कमी से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. कफील खान पर खुद को क्लीनचिट साबित करने के लिए मीडिया में गलत तथ्य पेश करने का आरोप भी लग गया है।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि डॉ. कफील के खिलाफ अभी किसी भी विभागीय कार्रवाई में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ सरकारी सेवक रहते सरकार विरोधी पोस्ट करने का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

अभी खत्म नहीं हुआ बीआरडी केस: फिर बढ़ सकती हैं डॉ. कफील की मुश्किलें…

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में मीडिया को बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए गए तीन डाक्टरों राजीव कुमार मिश्रा तत्कालीन प्राचार्य, सतीश कुमार एनेस्थीसिया तथा डॉ. कफील अहमद तत्कालीन प्रवक्ता बाल रोग विभाग के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश देकर निलंबित किया गया था।

उन्होंने कहा कि आरोपी डॉ. कफील ने जांच आख्या को गलत रूप से प्रचारित किया हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी डाक्टर ने खुद को दोषमुक्त बताने के लिए मीडिया के सामने गलत तथ्य रखे और गलत खबर चलवाई। प्रमुख सचिव ने बताया कि डॉ कफील के खिलाफ शासन स्तर पर जांच जारी है और उन्हे किसी भी मामले में क्लीनचिट नहीं दी गयी है।

जांच में दो आरोप सही पाए गए दो की जांच जारी

रजनीश दुबे ने बताया कि डॉ. कफील के खिलाफ चार आरोपों में जांच चल रही थी। जिसमें से दो आरोप पूर्णतया सही पाए गए हैं और शेष दो आरोपों की जांच जारी हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि डॉक्टर के खिलाफ बहराइच के बाल रोग विभाग में जबरन इलाज करने का आरोप है। जिसमे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इस मामले की भी जांच कराई जा रही है।

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डॉक्टर कफील के खिलाफ दो मामलों में लगे सात आरोपों में विभागीय कार्रवाई की जा रही है, ये संवेदनशील मामला है, इसलिए विधिक प्रक्रिया के तहत इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले दो साल से निलंबित चल रहे डॉ. कफील को लेकर मीडिया में खबर आई थी कि उनके खिलाफ बिठाई गई जांच में विभागीय टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और जांच रिपोर्ट में डॉ. कफील को हादसे के दिन अपनी ड्यूटी नहीं निभाने सहित भ्रष्टाचार के अन्य आरोपों से बरी कर दिया गया है।

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