कानून राज्यमंत्री ने हॉस्पिटल का किया औचक निरीक्षण, CMS को लगाई फटकार

योगी सरकार में कानून राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने शनिवार (22 अप्रैल) मंडलीय हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया। जहां उन्होंने सीएमएस को फटकार लगाई।

Update: 2017-04-22 12:12 GMT

वाराणसी: योगी सरकार में कानून राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने शनिवार (22 अप्रैल) मंडलीय हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया। मंत्री के निरिक्षण के दौरान हॉस्पिटल में फैली दुर्व्यवस्था और भ्रस्टाचार की पोल खुल गई। मंत्री ने गंदगी देख खुद ही हाथ में पोछा उठा लिया और सफाई करने लगे। उन्होंने सीएमओ और सीएमएस को जमकर फटकार लगाई और तत्काल जिलाधिकारी को फोन कर हॉस्पिटल की बदहाली को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश जारी किया।

वाराणसी के मंडलीय हॉस्पिटल में शनिवार सुबह 10 बजे जब कानून राज्यमंत्री निरिक्षण के लिए पहुंचे तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने हॉस्पिटल के ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड ऑपरेशन थियेटर से लगाकर रैन बसेरा, बर्न वार्ड का निरिक्षण किया।

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खुद करनी पड़ी सफाई

निरिक्षण के दौरान जैसे ही वह कार्डियोलॉजी विभाग में पहुंचे तो डॉक्टर की सीट के पास पड़ी धूल को देख वह भड़क गए और खुद ही पोछा उठाकर सफाई करने लगे। ये नजारा देख अधिकारी नीलकंठ तिवारी से पोछा छीनने लगे। नीलकंठ तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस हॉस्पिटल की हालत बद से बदतर है इसमें एक हफ्ते के सुधार करने का निर्देश दिया है।

हॉस्पिटल के सभी स्थानों का निरिक्षण के दौरान मंत्री को हर स्थान पर गंदगी और अव्यवस्था का अंबार देखने को मिला। मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सुधार करने का निर्देश दिया। मंत्री जी जब बर्न एण्ड सेफ्टिक वार्ड में पहुंचे तो वहां का हाल देख कर दंग रह गए। मंत्री जी ने दरख की जला हुआ मरीज बिना बेडसीट के ही बेड पर लेटा हुआ था।

सीएमएस पर भड़के नीलकंठ

नीलकंठ तिवारी ने जूता निकालकर बर्न वार्ड का निरिक्षण किया, लेकिन सीएमएस ने जूता पहनकर अंदर चले गए। इसपर जब उसने सवाल पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह जल्दबाजी में जूता निकालना भूल गए। वहीं जब वह रैन बसेरा का निरिक्षण करने पहुंचे तो वह के हाल देख वह दंग रह गए। हॉस्पिटल में बाथरूम की हालत भी जर्जर अवस्था में थी। नीलकंठ तिवारी ने सीएमएस से कहा कि अगर इसमें आपको बंद कर दे तो कितने देर सास ले पाएंगे।

हॉस्पिटल में हो पैसों की अवैध वसूली

हॉस्पिटल में निरिक्षण के दौरान 12 से अधिक मरीजों ने डॉक्टरों द्वारा अवैध तरीके से वसूले जा रहे पैसे को लेकर उन्हें शिकायत की. मरीजो ने कहा कि यहां हर चीज के लिए पैसा देना पड़ता है। हॉस्पिटल में ज्यादातर दवाइयां कई महीनो से स्टॉक में नहीं है, इस बात को अधिकारियों ने माना भी, लेकिन हालात ये है पिछले तीन महीनों से टीट बैक का एंजेशन नहीं मिल रहा।

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