जहरीली शराब: मौत बनकर लील गई कई जिंदगी,कुछ लड़ रहे जिंदगी और मौत की लड़ाई
जनपद में जहरीली शराब एक बार फिर शुक्रवार की सुबह तहसील सदर व देवबंद के ग्रामों उमाही, सरबतपुर, कोलकी कला, माली, सलेमपुर, मायाहेड़ी के दर्जनों परिवारों के ऊपर मौत के रूप में कहर बनकर टूटी। जहरीली शराब के सेवन से करीब 45 से अधिक लोगों ने जाने गवा दी और दर्जनों के करीब जिंदगी मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
महेश शिवा
सहारनपुर: जनपद में जहरीली शराब एक बार फिर शुक्रवार की सुबह तहसील सदर व देवबंद के ग्रामों उमाही, सरबतपुर, कोलकी कला, माली, सलेमपुर, मायाहेड़ी के दर्जनों परिवारों के ऊपर मौत के रूप में कहर बनकर टूटी। जहरीली शराब के सेवन से करीब 45 से अधिक लोगों ने जाने गवा दी और दर्जनों के करीब जिंदगी मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। जहरीली शराब से मौतें होने की यह पहली घटना नहीं है एक दशक पूर्व में भी इसी तहसील देवबंद में ही लगभग 35 से अधिक लोगों ने जिंदगियां गवा दी थी।
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प्रभावित ग्रामों के कुछ ग्रामीणों से बातचीत करने से पता चला है कि कच्ची शराब का धंधा पूरे जोरों पर है कई बार शिकायतें भी की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई और गांव में कच्ची शराब से आए दिन किसी न किसी की मौत होती ही रहती है। सब यही सोचते हैं कि शराब पीता था मर गया लेकिन कल जो हुआ वह बहुत भयानक है। पास के ही गांव बालुपुर में एक प्रोग्राम में आसपास के कई गांवों के लोग शामिल हुए थे लोगों ने वहां परोसी गयी जहरीली शराब पी जिसके बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी कल ज्यादा बारिश होने के कारण रात के समय उन्हें इलाज नहीं मिला इसलिए उनकी तबीयत बिगड़ती गई और एक-एक करके लोग मरने लगे गांवों में हाहाकार मच गया। इसलिए ज्यादा रुक्का-रोला हो गया नहीं तो किसी को पता ही नहीं चलता।
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समय सुबह के टाइम जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया लेकिन तब तक कई लोग जान गवा चुके थे,जब इमरजेंसी वार्ड से परिजन एक-एक करके मृतकों के शवों को बाहर ला रहे थे तो उनकी चीख-पुकारों से कलेजा फट रहा था। घटना की खबर आग की तरह फैल गई घटना की सूचना मिलते ही जिले के आला अधिकारी जिला चिकित्सालय व प्रभावित ग्रामों में पहुंचे तथा उसके बाद शासन-प्रशासन ने लापरवाह उत्तरदायी पर निलंबन की कार्यवाही कर दी ।जिसमें आबकारी विभाग के जिला आबकारी अधिकारी व 2 सर्किल इंस्पेक्टरों एवं 2 सिपाहियों तथा पुलिस कप्तान ने संबंधित थानाध्यक्ष, चौकी इंचार्ज, एवं बीट सिपाहियों सहित 10 को निलंबित कर दिया तथा मुख्यमंत्री के आदेश पर जिला प्रशासन ने मृतकों को 2-2 लाख व उपचाराधीनों 50-50 हजार का मुआवजा देने की घोषणा कर दी और साथ ही प्रकरण की जांच आईजी सहारनपुर को सौंपी दी गई।
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"निलंबन-मुआवजा" क्या इनसे भर पाएंगे अपनो को खो चुके परिवारों के जख्म
लेकिन एक सवाल मन में सीहरता है प्रशासन ने जो कार्यवाही की है क्या उससे उजड़ चुके परिवारों के यतीम हो चुके बच्चों और विधवा हो गई महिलाओं के दिलो-दिमाग में जो जख्म बने है क्या वह इतनी आसानी से भर जाएंगे। असंभव लगता है क्योंकि निलंबित हो चुके लोकसेवक जांच में दो-चार महीने बाद दोष मुक्त होकर फिर से बहाल होकर नौकरी पर आ जाएंगे लेकिन जिन परिवारों की जिंदगियां उजड़ गयी जो अपनों को खो चुके हैं। क्या कभी उसकी भरपाई हो पाएगी? कभी नहीं!!
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जनपद सहारनपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब के बड़े-बड़े माफियां सक्रिय है क्योंकि कच्ची शराब का अवैध व्यापार ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से फल-फूल जाता है, कच्ची शराब सरकारी मदिरा से बहुत सस्ती होने के कारण मजदूर पिछड़ा तबका शराबनोशी की आदत से मजबूर कच्ची शराब बनाकर बेचने वाले माफियाओं से सस्ती के लालच में खरीदकर पीता है। आबकारी विभाग पुलिस विभाग को सब जानकारी रहती है कौन-कौन शराब कसीदगी के व्यापार में संलिप्त है। लेकिन कुछ माफियाओं से सेटिंग बनी रहती है और कुछ राजनीतिक दबाव से बचे रहते हैं, लेकिन शासन प्रशासन तो बिलकुल ही इनकी ओर आंख बंद किए रहता है जब इस तरह की कोई भयावह घटना हो जाती है तो तब नींद से जागता है। फिलहाल घटना की जांच आईजी सहारनपुर को सौंपी गई है, जो दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो ताकि जहरीली शराब से फिर किसी का परिवार न उजड़े।