UP में प्रदूषण पर होगी सख्ती: इन हाटस्पाटों पर वाहनों का प्रवेश होगा प्रतिबंधित
बोर्ड ने वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1961 की धारा 31ए के तहत यूपी के लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर(खुर्जा), फिरोजाबाद, अमरोहा (गजरौला), सोनभद्र (अनपरा), मेरठ, झांसी, बरेली, रायबरेली और मुरादाबाद को चिन्हित किया है।
लखनऊ: यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा में लगातार घुल रही जहरीली हवा को नियंत्रित करने के लिए अब राजधानी लखनऊ समेत राज्य के 16 शहरों में अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले हॉटस्पॉटों को चिन्हित किया है और आज से 16 नवंबर तक इन हॉटस्पॉटों पर वाहनों के आवागमन को प्रतिबंधित किया जायेगा। बोर्ड ने इन सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इसके लिए निर्देश जारी किए हैं।
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बोर्ड ने इन शहरों के जिन स्थानों पर वायु प्रदूषण अत्यधिक पाया गया है
बोर्ड ने वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1961 की धारा 31ए के तहत यूपी के लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर(खुर्जा), फिरोजाबाद, अमरोहा (गजरौला), सोनभद्र (अनपरा), मेरठ, झांसी, बरेली, रायबरेली और मुरादाबाद को चिन्हित किया है। ये वो शहर हैं, जहां लगातार वायु गुणवता सूचकांक काफी खराब की श्रेणी में आ रहा है। बोर्ड ने इन शहरों के जिन स्थानों पर वायु प्रदूषण अत्यधिक पाया गया है, उन्हे हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित कर यहां स्थित बाजार व अन्य व्यवसायिक स्थलों पर आगामी दीपावली पर्व के दौरान वाहनों के अत्यधिक आवागमन के कारण वायु प्रदूषण की समस्या और भी गंभीर होने की आशंका जतायी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश जारी कर कहा
इसलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश जारी कर कहा है कि विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए इन चिन्हित हॉटस्पॉटों में, स्थित ऐसे बाजार और वाणिज्यिक स्थलों में जहां पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध न हो, 11 नवंबर से 16 नवंबर तक वाहनों के आवागमन को प्रतिबंधित किए जाने के लिए विचार किया जाए।
इधर, उप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राजधानी लखनऊ में लगातार अत्याधिक खराब के स्तर पर दर्ज हो रहे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकारी विभागों के ढीले रवैयें को जिम्मेदार ठहराया है। बोर्ड ने बीती 20 अक्टूबर को ही लखनऊ नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण, आवास एवं विकास परिषद, राष्ट्रीय राजमार्ग, उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम, जल निगम, यातायात पुलिस, परिवहन विभाग व जिला प्रशासन को वायु प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन इन विभागों ने ध्यान नहीं दिया। इसी का नतीजा है कि लखनऊ की हवा बेहद जहरीली हो गई है।
बोर्ड ने अपने पत्र में कहा गया है
बोर्ड ने प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को पत्र भेज कर संबंधित विभागों को शासन स्तर से निर्देशित किए जाने का अनुरोध किया है। बोर्ड ने अपने पत्र में कहा गया है कि राजधानी लखनऊ में नगर निगम ने सड़कों की धूल नियंत्रित करने कूड़ा न जलने देने तथा , भवन निर्माण से निकलने वाले कचरे को भी तत्काल निस्तारित करने के बोर्ड के निर्देशों में सुझाये गए उपाय नहीं किए। इसके साथ ही लखनऊ विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई ने भी अपनी-अपनी निर्माण इकाइयों में धूल नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए।
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यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि यातायात पुलिस और जिला प्रशासन को भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए थे, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए अब सरकार को पत्र लिखा गया है।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव
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