Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में गूंजेगा काशी का सुर,भगवान के दुआरे शहनाई बजाएंगे बनारस घराने के दुर्गा प्रसन्ना

Ram Mandir: भगवान रामलला के दुआरे शहनाई पर मंगलध्वनि छेड़ेंगे। इस बाबत संस्कृति मंत्रालय और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से दुर्गा प्रसन्ना से संपर्क साधा गया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-01-05 11:04 GMT

Ram Mandir: अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विभिन्न स्तरों पर जोरदार तैयारियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी उत्साह दिख रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान सिर्फ काशी के पंडितों का मंत्रोच्चार ही नहीं गूंजेगा बल्कि काशी की शहनाई के साथ मंगलवाद्य भगवान श्रीराम का अयोध्या में स्वागत करेंगे।

इस मौके पर अयोध्या में शहनाई वादन के लिए भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के शिष्य और काशी के प्रसिद्ध शहनाई वादक पंडित दुर्गा प्रसन्ना भी अपने दल के साथ मौजूद रहेंगे। वे भगवान रामलला के दुआरे शहनाई पर मंगलध्वनि छेड़ेंगे। इस बाबत संस्कृति मंत्रालय और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से दुर्गा प्रसन्ना से संपर्क साधा गया है।

कार्यक्रम के आमंत्रण पर जताई खुशी

भगवान रामलला से जुड़े इतने बड़े आयोजन में शहनाई वादन का आमंत्रण मिलने के बाद दुर्गा प्रसन्ना काफी खुश हैं। उनका कहना है कि कुछ दिनों पहले अयोध्या में राम-जानकी विवाह के मौके पर भी मुझे अयोध्या में शहनाई वादन का मौका मिला था। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में मेरी उम्र 73 वर्ष हो गई है और मैंने 5 वर्ष की उम्र से ही शहनाई बजाना शुरू कर दिया था।

उन्हें इस बात का काफी गर्व है कि उनका नाता बनारस घराने और शास्त्रीय संगीत से है। उनका कहना है कि शास्त्रीय संगीत एक अमर संगीत है और कलाकार अपनी साधना और कठिन तपस्या के बल पर इसे जीवंत रखता है। वाराणसी के लल्लापुरा मोहल्ले में रहने वाले पंडित दुर्गा प्रसन्ना उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को अपना आदर्श और भगवान मानते हैं। उनका कहना है कि बिस्मिल्लाह खान ने शहनाई वादन को एक नई ऊंचाई प्रदान की है। वे हम सभी के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।

बनारस घराने से जुड़े हुए हैं दुर्गा प्रसन्ना

दुर्गा प्रसन्ना को बनारस घराने का मशहूर शहनाई वादक माना जाता है। वे काशी के शहनाई पुरोधा खजरान शास्त्री जी के पोते और सहतीराम शास्त्री के पुत्र हैं। रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शहनाई वादन के संबंध में उन्होंने बताया कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज से कल फोन आया।

मुझे बताया गया कि आप को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शहनाई वादन करना है। उन्होंने बताया कि वैसे मुझे अभी लिखित आमंत्रण नहीं मिला है मगर फोन आने के बाद मन काफी गदगद हो गया है। अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचना ही बहुत बड़ी बात है और उनके 500 वर्षों के वनवास के बाद मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय मंगलध्वनि बजाना मेरे लिए काफी सुखद अनुभूति होगी।

कई बड़े आयोजनों में बिखर चुके हैं जादू

पंडित दुर्गा प्रसन्ना गंगा महोत्सव और ताज महोत्सव के साथ ही देश-विदेश में अनेक स्थानों पर अपने शहनाई वादन का जादू बिखेर चुके हैं। शहनाई वादन के क्षेत्र में उन्होंने कई बड़े सम्मान भी हासिल किए हैं। 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी उन्हें सम्मानित किया था।

दुर्गा प्रसन्ना के पुत्र संगम प्रसन्ना का कहना है कि 22 और 23 जनवरी दो दिन का कार्यक्रम है। 40 मिनट के कार्यक्रम में हम लोग 30 मिनट कोई खास राग बजाएंगे। सुबह और शाम के समय के हिसाब से राग बजाए जाएंगे। इसके साथ ही भगवान का भजन भी बजेगा। उन्होंने कहा कि हम लोग का सौभाग्य है कि हमें भगवान राम के दरबार में शहनाई वादन का मौका मिला है। 

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