Sonbhadra: दुर्गावती हत्याकांड में पति को उम्रकैद, जेठ-जेठानी को तीन-तीन वर्ष का कारावास

Sonbhadra News: साढ़े चार वर्ष पूर्व दहेज के लिए हुई दुर्गावती की हत्या के मामले में पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-04-11 14:17 GMT

 सोनभद्र: दुर्गावती हत्याकांड में पति को उम्रकैद: Photo - Social Media

Sonbhadra News: साढ़े चार वर्ष पूर्व दहेज के लिए हुई दुर्गावती की हत्या (dowry murder) के मामले में पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं जेठ और जेठानी को तीन-तीन वर्ष कारावास की सजा दी गई है। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने सोमवार को यह निर्णय सुनाया। सुनवाई करते हुए उन्होंने दोषसिद्ध पाकर दोषी पति अभिषेक उर्फ राजा को उम्रकैद, 58 हजार रुपये अर्थदंड की सजा (penalty sentence) सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का निर्णय पारित किया। वहीं जेठ योगेंद्र और जेठानी आरती के लिए तीन-तीन वर्ष की कैद और आठ-आठ हजार अर्थदंड मुकर्रर किया। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दोनों को नौ-नौ माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।

यह है घटनाक्रम

अभियोजन कथानक के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र (Pannuganj Police Station Area) के अइलकर गांव निवासी मनोज कुमार गुप्ता पुत्र विजय कुमार गुप्ता ने रामपुर बरकोनिया थाने में दी दी। उसमें आरोप लगाया कि उसकी बहन दुर्गावती की शादी 27 मई 2015 को जुगैल थाना क्षेत्र के घोरिया गांव निवासी अभिषेक उर्फ राजा पुत्र स्व. दुक्खी के साथ हुई थी। जब बहन विदा होकर अपनी ससुराल गई तो वहां पर ससुराल वाले दहेज में एक लाख रुपये और अन्य सामान की मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर उसके बहन दुर्गावती को प्रताड़ित करने लगे।

बहन ने कई बार उसे इसकी जानकारी दी लेकिन गरीबी का हवाला देकर उसे समझाया-बुझाया जाता था कि कुछ दिन बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा। सात अगस्त 2017 को रक्षा बंधन के दिन बहन दुर्गावती को लेकर उसका पति अभिषेक आया और करीब आधे घण्टे रहने के बाद बहन को छोड़कर चला गया। इसके बाद अगस्त को बाइक से आकर बहन को विदा कराकर ले गया।

गांव के कुएं में मिली बहन की लाश

10 अगस्त को डेढ़ बजे दिन में नरोखर गांव के कुएं में उसकी बहन का शव उतराया मिला। उसने आरोप लगाया कि दहेज की मांग पूरी नहीं हुई, इसलिए पति अभिषेक उर्फ राजा, जेठ योगेंद्र व जेठानी आरती ने मिलकर उसके बहन की हत्या कर दी और शव को कुएं में डाल दिया। दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई और आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत दर्शाते हुए आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया गया।

जेठ योगेंद्र और जेठानी आरती के लिए तीन-तीन वर्ष कारावास

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति अभिषेक उर्फ राजा को उम्रकैद तथा 58 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं जेठ योगेंद्र और जेठानी आरती के लिए तीन-तीन वर्ष कारावास की सजा मुकर्रर की गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने मामले की पैरवी की।

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