Prayagraj News: रावण दहन को लेकर पुतलों को अंतिम रूप देने में जुटे कारीगर, इस बार महंगे हुए पुतले

Prayagraj News: पूरे देश में आज विजयदशमी का पर्व है, रावण के दहन का भी दिन है। प्रयागराज के 'कीड़गंज' इलाके के 'हौली वाली गली' में रावण के पुतले को तैयार किया जा रहा है।

Report :  Syed Raza
Update: 2022-10-05 04:48 GMT

प्रयागराज: कीड़गंज में रावण दहन को लेकर पुतलों को अंतिम रूप में जुटे कारीगर

Ravan Dahan in Prayagraj: पूरे देश में आज विजयदशमी का पर्व है, सत्य की असत्य पर जीत का दिन है और इसे देखते हुए रावण के दहन (Ravana Dahan) का भी दिन है। रावण दहन से पहले प्रयागराज के 'कीड़गंज' इलाके के 'हौली वाली गली' में रावण के पुतले (Ravana effigies) को तैयार किया जा रहा है। इस गली के ज़्यादातर हर घर में रावण के पुतले कई हफ़्तों पहले से ही बनने शुरू हो जाते हैं। यहां के पुतलों की खास बात ये है कि इस शहर के लोगों के साथ-साथ कई और अन्य जिलों में भी ये पुतले रावण दहन के लिए जाते हैं।

बीते 2 साल मे कोरोनावायरस (coronavirus) के चलते त्योहारों में रौनक नहीं थी लेकिन अब की बार करोना से राहत मिली है जिससे लोग रावण के पुतले का ऑर्डर देने आ रहे हैं। हालांकि बढ़ती महंगाई कारीगरों के लिए चिंता थी लेकिन कारीगरों का कहना है कि 2 साल के बाद अब की बार अधिक संख्या में रावण के पुतले बनने का ऑर्डर मिला है।

हौली वाली गली में 200 सालों से बन रहे हैं पुतले

आपको बता दें कि बीते 2 दिनों से हो रही बारिश और बढ़ती महंगाई ने थोड़ा नुकसान जरूर किया है। कारीगर बताते हैं कि हौली वाली गली में रावण के पुतले पिछले 200 सालों से बन रहे हैं। एक महीने पहले से ही कई जिलों से आर्डर मिलना शुरू हो जाता है। कौशाम्बी, प्रतापगढ़, अमेठी, मिर्जापुर तक के लोग यहां से रावण के पुतले को ले जाते है।

गौतम, कारीगर बताते हैं कि हर घर में इतने रावण के पुतले बनाये जाते हैं जिससे इन सबका पूरे साल का खर्चा चल जाता है। इस बार 50 फीट के रावण के पुतले का कई ऑर्डर मिला है। कोरोना काल के दौरान 20 फुट से अधिक लंबे पुतले का आर्डर नहीं मिलता था लेकिन अब की बार लोग बढ़ती महंगाई के बावजूद भी रावण दहन की तैयारियों में जुटे हुए हैं।

रावण के पुतले को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं कारीगर

हालांकि कारीगर अब रावण के पुतले को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। प्रयागराज में रावण दहन शाम 7 बजे से शुरू हो जाएगा। रावण के पुतले का आर्डर लेने आए लोगों की बात माने तो अब की बार उनको बेसब्री से दशहरे का इंतजार था क्योंकि बीते 2 सालों से हर त्यौहार कोरोंना संक्रमण के चलते प्रभावित हुआ था और रौनक बिल्कुल भी नहीं देखी गई थी।

अबकी बार महंगाई के चलते रावण के पुतले महंगे हैं लेकिन त्योहार को मनाना है इसलिए रावण के पुतले खरीद रहे है। आपको बता दें जो पुतले पिछली बार 4 हज़ार के थे वह अब की बार 6 से 7 हज़ार में बिक रहे हैं, जबकि जो पुतले 6 हजार के थे वह 8 से 9 हजार में बिक रहे हैं। दशहरा से ठीक २० दिन बाद दिवाली पर्व मनाया जाता है।

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