Kanpur News: रावण की मंडी, रावण के छोटे पुतलों की बढ़ती मांग, घरों और कालोनियों में रावण दहन का बढ़ता चलन
Kanpur News: रावण मंडी शहर के गोल चौराहे पर जी टी रोड के किनारे लगती है। लगभग डेढ़ किमी. तक फैली इस मंडी में हजारों की संख्या में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले बेचे जाते है।
Kanpur News: कानपुर उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक नगर रहा है। यह अपनी बड़ी व थोक मंडियों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी रावण की मंडी के बारे में सुना है। जी हां यूपी के कानपुर में रावण की एक बड़ी मंडी लगती है। पुतलों का यह बाज़ार दशहरा के समय हर वर्ष लगता है। इस मंडी में 100 रूपए से लेकर 50,000 तक के रावण और उसके कुनबे के पुतले बिकते हैं
यह मंडी शहर के गोल चौराहे पर जी टी रोड के किनारे लगती है। लगभग डेढ़ किमी. तक फैली इस मंडी में हजारों की संख्या में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले बेचे जाते है। इस मंडी में छोटे बड़े पुतले बनाने का काम दशहरा से एक महीने पूर्व शुरू हो जाता है।
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इस बाज़ार में 2 फुट से लेकर 40 फुट तक के रावण के पुतलों की बिक्री होती है। पिछली कई पीढ़ियों से पूरे परिवार के साथ पुतला बनाने वाले कारीगर राम पाल बताते है कि करोना के बाद पिछले साल से रावण मंडी में आने वाले खरीदारों की संख्या बढ़ी है , लोग छोटे पुतलों की मांग ज्यादा कर रहे है। वो बताते हैं की रावण और उसके कुनबे के बड़े पुतले ज्यादातर राम लीला कमेटियों द्वारा दिए गए ऑर्डर पर बनाते है।
क्लास 8 में पड़ने वाले अथर्व अपनी छोटी बहन व पापा के साथ रावण का पुतला खरीदने आए है, अथर्व उत्साहित होकर बताते है कि बीते साल उन्होंने 5 फीट का पुतला खरीदा था तो वहीं इस बार 8 फ़ीट ऊंचा रावण का पुतला लेने को लेकर पापा को मनाएंगे। सुरेश अपनी पत्नी के साथ दो दर्जन रावण के छोटे पुतले खरीदने को लेकर , कारीगर से मोल भाव कर रहे है, पूछने पर बताते है कि ये पुतले हाथ ठेले पर रख कर आस पास की कालोनियों में कुछ मुनाफे पर बेच लेंगे।
यहां कानपुर देहात, हमीरपुर, जालौन, सहित पूरे उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग रावण का पुतला खरीदने के लिए आते हैं तथा अपने मन का रावण खरीद कर ले जाते है।