शराब की दुकानों के लिए ई-लाटरी सिस्टम ने पहुंचाई बापू के सम्मान को ठेस!
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सोचना था कि अगर मैं एक दिन के लिए देश का प्रधानमंत्री बन जाता तो शराब की दुकानों को बंद करा देता। लेकिन सूबे में 19 मार्च को होने वाली ई-लाटरी प्रक्रिया ने बापू के सम्मान को ठेस पहुंचाया है। आपको बता दें कि, यह वाकया कहीं और नहीं बल्कि स्टेट की राजधानी के बापू भवन में ही हुआ है।
लखनऊ: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सोचना था कि अगर मैं एक दिन के लिए देश का प्रधानमंत्री बन जाता तो शराब की दुकानों को बंद करा देता। लेकिन सूबे में 19 मार्च को होने वाली ई-लाटरी प्रक्रिया ने बापू के सम्मान को ठेस पहुंचाई है।
आपको बता दें कि, यह मामला कही और का नहीं बल्कि स्टेट की राजधानी के बापू भवन में ही हुआ है।
भवन के दीवारों पर साफ तौर पर लिखा है कि नशा नहीं करना चाहिए। अलग-अलग वाक्यों से नशा से दूर रहने की सलाह दी गई है।
बड़े-बड़े अक्षरों से शराब से दूर रहने के स्लोगनों को भी प्रदर्शित किया गया है। लेकिन इस पर न तो सीएम योगी आदित्यनाथ की नजर है और न ही उनके किसी अफसरों की। आबकारी विभाग बड़ी तेजी से अपनी ई-लाटरी के काम को कर रहा है।
कैसरबाग के बापू भवन मे शराब की दुकानों के लिए ई-लाटरी सिस्टम का कार्य जारी है। भारी पुलिस बल के बीच में बड़ी सी स्क्रीन पर आवेदकों के नामों को पुकारा जा रहा है।
शराब की दुकानों के लाइसेंस पाने वालों की होड़ बापू भवन में मची हुई है। वहीं, प्रदेश के कई और जिलों में भी ई-लाटरी का प्रथम चरण चालू है।
परन्तु बापू भवन में होने वाली ई-लाटरी सिस्टम ने देश की आजादी में मुख्य भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी के विचारों पर उंगली खड़ा कर दिया है।
क्या सूबे के राजनेताओं से लेकर सरकारी जिम्मेदारों को भी बापू का अपमान नहीं दिख रहा है, यह एक सवाल बना हुआ है ?
Photo Credit: Ashutosh Tripathi