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लखनऊ: कहते हैं कि मुसलमानों में सिर पर पहनी जाने वाली टोपी का ख़ासा महत्त्व होता। बिना टोपी के वह इबादत नहीं करते हैं। टोपी पहनने वालों का मानना है कि खुदा के सामने जब भी सजदा करें, तो सिर पर टोपी जरुर होनी चाहिए। अगर सिर ढका हो तो ज्यादा बेहतर माना जाता है। रमजान ख़त्म हो चुका है। लोगों ने जोर-शोर से तैयारियां शुरु कर दी हैं, फिर वह चाहे कपड़े हो या फिर खाने पीने की चीजों की। मार्केट्स भी गुलजार हो चुके हैं। बच्चों को गोल, कड़ी, बरकाती टोपियों के अलावा कड़ी टोपी भी पसंद आ रही हैं। वहीं कुछ बच्चों के ऊपर अफगानी और बांग्लादेसी टोपियों का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है।
आगे की स्लाइड में देखिए कितने तरह की हैं टोपियां
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लखनऊ के अमीनाबाद, मौलवीगंज और नक्खास के मार्केट सज चुके हैं। चारों ओर ईद की धूम है। बता दें कि मार्केट में एक बढ़कर एक तरह की टोपियां मौजूद हैं। ये टोपियां न सिर्फ अलग अलग रंगों में मौजूद हैं इनके नाम और डिजाइन भी अलग अलग हैं ये देखने में इतनी ज्यादा खूबसूरत लगती हैं कि आप खुद ब खुद इनकी ओर खिंचते चले जाएंगे।
आगे की स्लाइड में जानिए कैसी टोपियां हैं लोगों को पसंद
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ईद की शॉपिंग का ख्याल आते ही मन में सबसे पहले टोपी का ख्याल आता है। इनमे किसी को ओवैसी टोपी पसंद आ रही है। तो किसी को बांग्लादेसी टोपियों की। इन तमाम वैरायटियों में सबसे ज्यादा लोगों को लखनवी चिकन के काम से बनी टोपी जमकर पसंद आ रही है। बता दें कि आजकल का यूथ टोपियों पर खासा ध्यान दे रहा है ताकि ईद के ख़त्म होने के बाद भी वह अपनी टोपियों को यूज में ला सके ऐसे में वे सदाबहार टोपियां ढूंढ रहे हैं।
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अमीनाबाद की और जाने वाली नादान महल रोड पर स्थित अवध कैप हाउस दुकान के मालिक अकील का कहना है कि इस बार सबसे ज्यादा लखनऊ के नवाबों को सबसे ज्यादा चिकनपल्ला और ओवैसी टोपी पसंद आ रही है।
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इनके अलावा मौलाना साद, सऊदी रेशम की टोपियां भी लोगों को खूब भा रही हैं। दुकानदार अकील बताते हैं कि चिकनपल्ला की टोपियों पर की जाने वाली रेशम की कारीगरी लोगों के दिलों को जीत रही है। इसके साथ ही इन्हें आसानी से मोड़कर पॉकेट में रखा जा सकता है। ईद के इस मुबारक मौके पर कश्मीरी टोपियां भी बाजारों की रौनक बनी हुई हैं।
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