Meerut में सरकारी विभाग दे रहे ऊर्जा निगम को झटका, करोंड़ो की वसूली है बकाया

Meerut News: सरकारी विभागों पर करोड़ो का बिजली बिल बकाया है। इस बिल की वसूली के लिए विभाग की कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक सीमित रह जाती है।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Praveen Singh
Update:2022-03-23 20:41 IST

Meerut Electricity Bills 

Meerut News: मेरठ,२३ मार्च। बिजली बिल वसूली में बिजली विभाग (Meerut Electricity Bills) को जोर आम उपभोक्ताओं पर तो खूब चलता है, पर समकक्ष पर उनका यह जोर इतना कमजोर पड़ जाता है कि बिल वसूली में वर्षों बीत जाते हैं। उसकी इसी कमजोरी से सरकारी विभागों पर करोड़ो का बिजली बिल बकाया है। इस बिल की वसूली के लिए विभाग की कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक सीमित रह जाती है। बकाया बिजली वसूली को लेकर इस लचर कार्रवाई से ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम का सरकारी विभागों पर 17145.41 रुपया बकाया है।

बता दें पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत वेस्ट यूपी के 14 जिले आते हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक इनमें मेरठ और सहारनपुर व नोएडा जनपद के सरकारी विभाग बिजली के बड़े बकायेदारों की सूची में भी टॉप पर है। हालांकि सभी 14 जनपदों में बिजली विभाग की करोड़ों रुपये के राजस्व की देनदारी है। मेरठ में सबसे अधिक 3179.25 लाख रुपये का बकाया है, वहीं दूसरे स्थान पर सहारनपुर है। जिस पर देनदारी 1878.52 लाख रुपये हैं, तीसरे पायदान पर मुरादाबाद जनपद है। जहां के सरकारी विभागों पर 1877.77 रुपये के बिजली बिल की देनदारी है। इसके अलावा नोएडा, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, रामपुर, बागपत, हापुड़, बिजनौर, संभल, शामली और अमरोहा जनपद का नम्बर आता है।

सरकारी विभागों पर करोड़ों बिल बकाया होना और वर्षों बाद भी इसकी अदायगी न करना, यह इन विभागों की लापरवाही तो है ही, बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी भी है और उदासीनता भी। अधिकारियों की इस तरह की कार्यप्रणाली से ही इस विभाग पर निजीकरण की तलवार लटक रही है। बीते कुछ महीने पहले निजीकरण के विरोध में उतरे कर्मचारियों को सेवा में सुधार और वसूली बढ़ाने पर ही मोहलत दी गई थी। इसके बाद भी यह विभाग दूसरे सरकारी विभागों से करोड़ा का बिल वसूल नहीं कर पा रहा है।

बिजली बिल जमा न करने पर कनेक्शन काटने के लिए आम उपभोक्ता को एक महीने का नोटिस दिया जाता है। वैसे ही सरकारी संस्थानों के लिए यह नोटिस पीरियड 6 महीने का होता है। इसके बाद भी अगर बकायादार विभाग बिल जमा नहीं करता है तो इसकी सूचना बिजली विभाग शासन को भेजता है और कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी अमल में ला सकता है।

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