UP की जनता को लगेगा तगड़ा झटका! बढ़ सकते हैं बिजली के दाम

उप्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दर प्रस्ताव परसुनवाई को हरी झंडी दे दी है।

Update:2020-07-28 18:34 IST

लखनऊ: उप्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दर प्रस्ताव परसुनवाई को हरी झंडी दे दी है। आयोग की पूर्ण पीठ ने प्रदेश की बिजली कम्पनियोंकी ओर से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) वर्ष 2020-21, ट्रूअपवर्ष 2018-19 व वार्षिक परफारमेन्स रिव्यू (एपीआर) वर्ष2019-20 को विद्युत नियामक आयोग को स्वीकार कर लिया है। आयोग के इस कदम सेमाना जा रहा है कि अब यूपी में बिजली दरों में वृद्धि नहीं होगी। नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह तथा सदस्य कौशल किशोरशर्मा व विनोद कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने मंगलवार को वर्ष 2020-21 केलिये लगभग 70792 करोड़ रुपयें का एआरआर स्वीकार करते हुये कहा कि एआरआर स्वीकारकरने तक प्रदेश की बिजली कम्पनियों द्वारा अपने गैप लगभग 4500 करोड रुपये की भरपाईके लिये कोई भी टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल नही किया गया।

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ऐसे में बिजली कम्पनियांअब एआरआर के आंकड़ों को ही 03 दिन में समाचार पत्रों में प्रकाशित करायें जिससेविद्युत उपभोक्ता अपनी आपत्ति व सुझाव दाखिल कर सकें। आयोग ने सुनवाई के लिएआगामी 10 व 13 अगस्त की तारीख तय की है। यह सुनवाई वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिएहोगी। जिसमे 10 अगस्त को दक्षिणाचंल व पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम लि. तथाकेस्कों की सुनवाई होगी और 13 अगस्त को मध्याचंल तथा पूर्वाचंल विद्युत वितरणनिगम लि. की सुनवाई होगी।

नियामक आयोग के आदेश पर खुशी व्यक्त करते हुए राज्य उपभोक्तापरिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि बिजली कम्पनियों की तरफ से दाखिल एएआर, ट्रूअपऔर एपीआर को स्वीकार करके नियामक आयोग की पूर्ण पीठ द्वारा बिजली दर प्रस्ताव परसुनवाई की तारीख भी तय कर दिए जाने के बाद अब बिजली कम्पनियाँ चोर दरवाजे सेउपभोक्ताओं की बिजली दर बढोत्तरी नही करा पायेंगी क्योंकि आयोग ने अपनेआदेश में बिजली कम्पनियों को चारों तरफ से कस दिया और बढोत्तरी का रास्ताही कर दिया बन्द।

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आयोग ने अपने आदेश में गैप के एवज में कोई भी बिजली प्रस्तावन दाखिल करने का जिक्र भी अपने आदेश में कर दिया है। ऐसे में नियमानुसार अबबिजली कम्पनियां कोई भी प्रस्ताव दाखिल नही कर पायेंगी और अब बिजली दर मेंकोई भी बढोत्तरी कराना संभव नही है।वर्मा ने बताया कि उन्होंने आज सुबह 10 बजे नियामक आयोग अध्यक्षको एक लोक महत्व का प्रस्ताव भेज कर मांग की थी कि बिजली कम्पनियों ने चोर दरवाजेसे बिजली दर बढाना चाहती है, इसीलिए गैप की भरपाई के लिये कोई भी बिजली दरका प्रस्ताव नही दाखिल किया है। ऐसे में एआरआर स्वीकार आदेश में लिखा जाये किबिजली कम्पनियों ने टैरिफ बढोत्तरी का कोई भी प्रस्ताव नही दाखिल किया।इसलिये अब एआरआर के आंकडो पर ही सुनवाई होगी।

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