बरेलीः ट्रेन में चाय बेचने वाले मोदी आज देश के पीएम हैं। क्या कोई चाय बेचकर करोड़पति भी बन सकता है? तो जवाब है जी हां। इंजीनियरिंग में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़कर बरेली के रहने वाले प्रमित शर्मा और अभिनव टंडन ने चाय का बिजनेस शुरू किया।
'चाय कॉलिंग' के नाम से शुरू हुए चाय के आउटलेट बरेली से लेकर नोएडा तक खुल गए। आज इनकी बरेली में 6 और नोएडा में 3 चाय के आउटलेट हैं। जहां सैकड़ों वर्कर्स काम कर रहे हैं आज इनका करोड़ों का बिजनेस है।
यह भ्ाी पढे़ं... कांग्रेस का पोस्टर- चाय वाले केशव भैया कैसे बने करोड़पति राज तो बताओ
चाय आउटलेट मुहैया करा रहा है रोजगार
प्रमित सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं तो अभिनव टंडन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं दोनों देश की नामी कंपनियों में साढ़े तीन लाख के सालाना पैकेज पर नौकरी कर रहे थे, लेकिन कुछ अलग करने की चाह में दोनों ने एक लाख रुपए से चाय के आउटलेट खोले और आज इनका टर्न ओवर करीब एक करोड़ रुपए से ऊपर हैं। इतना ही नहीं चाय कॉलिंग ने करीब 35 लोगों को रोजगार मुहैया कराया हैं।
यह भ्ाी पढे़ं... ये हैं नए UP BJP अध्यक्ष, मोदी की तरह बचपन में बेची चाय-बांटे अखबार
आउटलेट से स्टार्टअप इंडिया को मिल रहा बढ़ावा
इससे देश में पीएम की स्टार्टअप इंडिया को भी बल मिलने लगा है। स्टार्टअप इंडिया का एक बड़ा उदाहरण है ये दोनों इंजीनियर जिन्होंने एक नई सोच के साथ चाय का काम शुरू किया। आमतौर पर आपको सड़कों पर चाय की कई दुकानें, ठेले मिल जाएंगे और वहां पर आपको गंदगी के बीच चाय पीने का मन भी नहीं करेगा। लेकिन इन आउटलेट्स पर बहुत ही साफ़-सफाई से चाय बनाई जाती है और जो पांच रुपए से लेकर 25 रुपए तक है। चाय कॉलिंग के आउटलेट पर 15 तरह की चाय बेची जा रही है।
क्या कहते हैं चाय कॉलिंग के फाउंडर?
चाय कॉलिंग के फाउंडर अभिनव टंडन ने कहा कि जब वो और उनके बिजनेस पार्टनर प्रमित शर्मा स्टडी और जॉब करते थे तो उन्हें कई बार ठेलों पर चाय पीनी पड़ती थी। ठेले वाले कई बार रखी हुई और अनहाईजेनिकली प्रिपेयर्ड चाय दे दिया करते और मजबूरी में पीनी पड़ती थी। इसे देखकर लगा कि अगर लोगों को साफ-सुथरी चाय वेरायटी के साथ दी जाए तो लोग उसे पीना पसंद करेंगे।
लाखों की जॉब छोड़ शुरू की चाय कॉलिंग
अभिनव ने कहा कि हम दोनों ही अपनी जॉब्स में सेटल हो चुके थे। हमने एक लाख रुपए से चाय कॉलिंग नाम से आउटलेट खोलने की ठानी और जॉब छोड़कर पहला स्टॉल नोएडा के सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन पर लगाया। लोगों से अच्छा रिस्पांस मिला तो काफी उत्साह मिला। इसके बाद फोन कॉल पर 15 मिनट के अंदर चाय डिलीवरी मैकेनिज्म पर वर्क किया और हमारी कोशिश हिट रही। इसके बाद नोएडा में तीन और बरेली में छह स्टाल खोले। साल 2014 से 2015 में टर्नओवर 50 लाख के करीब था, जो इस साल करीब एक करोड़ होने की संभावना है।
लखनऊ में खोलेंगे 20 आउटलेट
प्रमित शर्मा ने कहा कि उनके आउटलेट पर 15 वेरायटी की चाय उपलब्ध है। चाय की कीमत 5 रुपए से लेकर 25 रुपए तक है। आन डिमांड फ्रेश टी सप्लाई होती है और इको फ्रेंडली तरीके से पेपर कप्स में सर्व की जाती है। साल 2016 के अंत तक लखनऊ में 20 और बरेली में 4 और आउटलेट खोलने की प्लानिंग है।
युवाओं के लिए पेश की मिशाल
चाय कॉलिंग की शुरुआत कर दोनों युवा इंजीनियर ने एक नजीर पेश की हैं उन युवाओं के लिए जो पढ़ाई में सफल ना होने के कारण आत्मघाती कदम उठाते हैं। ऐसे में जरूरत है तो इनसे सीख लेने की जिन्होंने नौकरी छोड़ खुद का बिजनेस शुरू किया और आज कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
नीचे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...
[su_slider source="media: 28965,28973,28970,28971,28969,28968,28967,28966,28964,28963,28961,28960,28959,28958" data-width="620" data-height="440" title="no" pages="no" mousewheel="no" autoplay="0" speed="0"] [/su_slider]