एटा: BJP MLA के कहने पर प्रधान प्रत्याशी का वोटर लिस्ट से काटा नाम

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सत्ताधारी नेताओं और सरकारी कर्मचारियों ने गठजोड़ के जरिए अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने और उन्हें चुनाव में शामिल ना होने देने की साजिश रची है।

Report :  Sunil Mishra
Published By :  Monika
Update:2021-04-09 09:35 IST

सत्यपाल सिंह राठौड़ , बीजेपी विधायक अलीगंज (फाइल फोटो )

एटा: जनपद एटा में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सत्ताधारी नेताओं और सरकारी कर्मचारियों ने गठजोड़ के जरिए अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने और उन्हें चुनाव में शामिल ना होने देने की किस प्रकार साजिश रची है उसकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस ऑडियो में सब कुछ स्पष्ट रहा है।

आपको बताते चलें यह मामला एटा जनपद की तहसील अलीगंज क्षेत्र के लेखपाल और पीड़ित प्रधान प्रत्याशी के भाई सपा नेता के बीच हुई बातचीत में यह बात सामने आ रही है कि लेखपाल ने सत्ता पक्ष के बीजेपी के अलीगंज विधायक के कहने पर प्रधान पद की प्रत्याशी का एक साजिश के तहत वोटर लिस्ट से नाम काट दिया। वोटर लिस्ट से नाम कट जाने के कारण प्रधान पद का प्रत्याशी नामांकन नहीं कर सकी, क्योंकि आज नामांकन का आखिरी दिन था इसलिए जब प्रधान पद के प्रत्याशी को वोटर लिस्ट प्राप्त हुई तो उसमें से अपना नाम कटा हुआ देखकर उसके होश उड़ गए ।

प्रधान पद प्रत्याशी, जिनका वोट काटा गया (फाइल फोटो )

अन्तिम समय में वोटर लिस्ट में अपना नाम कटा हुआ देखकर जब प्रत्याशी के भाई ने लेखपाल को फोन कर इसकी जानकारी चाही तो लेखपाल ने विधायक के कहने पर उसका वोट काटने की गलती को स्वीकार किया। वायरल ऑडियो में लेखपाल बार-बार यह कह रहा है कि उससे गलती हो गई और वह अब गलती सुधारने की कोशिश कर रहा है।

लेकिन देखने वाली बात यह है कि जिस प्रकार से प्रत्याशियों को हराने के लिए साजिश के तहत सत्तापक्ष और सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता देखने को मिल रही है। उसने पंचायत चुनावों के निष्पक्ष होने पर सवालिया निशान लगा दिया है ? हालांकि इस साजिश के तहत प्रधान पद की प्रत्याशी चुनावी दौड़ से बाहर हो गई है। किंतु प्रत्याशी अब कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रही है।

वहीं बीजेपी के अलीगंज विधायक सत्यपाल सिंह राठौर ने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनकी लेखपाल से बात तक नहीं हुई है और उन्होंने फर्जी वोटों को लेकर जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की है।अगर लेखपाल ने गलती की है तो उसकी जांच करा कर उसे दंडित किया जाना चाहिए । हालांकि जब लेखपाल से बात करने की कोशिश की तो लेखपाल से बात नहीं हो सकी लेखपाल का फोन स्विच ऑफ बोल रहा था।

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