एटा: 24 घंटे बाद पुलिस के काबू आया रिटायर्ड फौजी, 'अपनों' को ही बनाया बंधक
पुलिस ने आखिरकार मंगलवार (16 जनवरी) को फौजी को पकड़ लिया है। एटा में एक रिटायर्ड फौजी के आतंक से तीन परिवार के 9 लोगों को करीब 24 घंटे तक दहशत के बीच बंधक बने रहे। सनकी फौजी ने लाइसेंसी असलाहे से अपने पिता, पत्नी, पुत्र- पुत्री और मकान मालिक के परिजनों को एक मकान में बंधक बनाया। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने काबू पाया और गिरफ्तार करने के बाद लोगों को रिहा कराया।
एटा: पुलिस ने आखिरकार मंगलवार (16 जनवरी) को फौजी को पकड़ लिया है। एटा में एक रिटायर्ड फौजी के आतंक से तीन परिवार के 9 लोगों को करीब 24 घंटे तक दहशत के बीच बंधक बने रहे।
सनकी फौजी ने लाइसेंसी असलाहे से अपने पिता, पत्नी, पुत्र- पुत्री और मकान मालिक के परिजनों को एक मकान में बंधक बनाया। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने काबू पाया और गिरफ्तार करने के बाद लोगों को रिहा कराया। बता दें कि सोमवार से सिरफिरे रिटायर फौजी ने अपनी पत्नी, बेटा-बेटी, पिता और मकान मालिक और उसकी बेटी को लाइसेंसी रायफल के बल पर बंधक बना लिया था।
ऐसे पकड़ा पुलिस ने
सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा। मकान की घेराबंदी की। पड़ोस में बने मकानों की छत पर पुलिस तैनात कर दी गई, लेकिन देर शाम तक फौजी ने हथियार नहीं डाले। पुलिस ने छत में पड़े लोहे के टट्टर को काटकर अंदर पहुंची और सैनिक को पकड़ा। बहुत मुश्किल से किसी तरह पुलिस और प्रशासन ने सनकी फौजी पर काबू पाया। फिलहाल, सभी बंधक सुरक्षित है।
समझाने के बाद भी नहीं माना फौजी
सूचना के मुताबिक, तकरीबन 24 घंटे परिजनों को बाहर निकाला गया। इतना ही नहीं फौजी को जो भी समझाने का प्रयास करता है, उसकी बात सुनकर पहले फालो कहता है, फिर एक-दो-तीन कहकर फायर झोंक देता। सिरफिरे फौजी को बाहर निकालने की सारी योजना नाकाम होती जा रही थी।
बता दें कि जनपद मैनपुरी के थाना औंछा क्षेत्र के गांव देवपुरा निवासी अवधेश (55 साल) करीब 4 वर्ष पूर्व सेना से रिटायर्ड हुआ था। बताया जा रहा था कि फौजी ने परिजनों के हाथ का भोजन और चाय आदि ग्रहण कर लिया। ऐसे में प्रतीक्षा भी कि उसका सिरफिरापन कुछ और कम हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सवाल ये उठता है कि आखिर फौजी का मकसद क्या था? ये भी जल्द ही पता चल पाए।