एटा कोतवाली का नया ठिकानाः बदलेगा अंग्रेजो के जमाने का थाना, हो गई तैयारी

एटा मुख्यालय में स्थित अंग्रेज़ों के जमाने की शहर कोतवाली का किराये का स्थान बदलने की शासन के आदेश के बाद साढे सात करोड़ रूपये की लागत में निर्माण किये जाने की तैयारियां शुरू हो गई है।

Update: 2021-02-26 17:51 GMT

एटा। जनपद मुख्यालय स्थित अंग्रेज़ों के जमाने से चली आ रही शहर कोतवाली का किराये का स्थान बदलने की शासन के आदेश एवंसाढे सात करोड़ रूपया स्वीकृति हो जाने के बाद उसके निर्माण किये जाने की तैयारियाँ प्रारंभ कर दी गयी है। अब ऐसा लगने लगा है कि शहर की कोतवाली का जल्द ही पता बदल जाएगा। उसे नया ठिकाना मिल गया है। अभी तक किराए की भूमि पर कोतवाली नगर छोटे से भवन में वर्षो से चल रही है।

एटा कोतवाली नगर के लिए नए भवन निर्माण का कवायद

जहां बरामद वाहन भी खड़े करने की जगह नहीं है, वहीं फरियादी को भी आने-जाने में परेशानी होती है। जीटी रोड पर दिन-रात जाम होने की वजह से भी फरियादियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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जिला प्रशासन ने चिन्हित किया गया स्थान शहर से लगभग 3 किमी दूर जीटी रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी के नजदीक है जहाँ नई कोतवाली नगर का निर्माण कराया जाएगा।

अग्रेजी के जमाने की कोतवाली को बदलने की अब हो रही है तैयारी

मंडी के नजदीक सरकार की तरफ से कोतवाली की जगह प्रस्तावित है। यहीं पर शहर कोतवाली के निर्माण के लिए साढ़े सात करोड़ का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। धनराशि अवमुक्त होने के बाद निर्माण कार्य आरंभ करा दिया जाएगा।

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साढ़े सात करोड़ की लागत से होगा कोतवाली नगर के नए भवन का निर्माण

शुक्रवार को गल्ला मंडी स्थित भूमि पर नई कोतवाली के निर्माण के लिए जमीन की नापतोल कराने गए एसडीएम सदर अबुल कलाम और क्षेत्राधिकारी तथा नवागत इंस्पेक्टर पंकज मिश्रा पहंचे। अधिकारियों द्वारा चयनित जगह का नापतोल कराई गई।

कोतवाली के लिए भूमि की एसडीएम- सीओ ने कराई नापतोल

इस दौरान बताया गया कि गल्ला मंडी के समीप बनने वाली सिटी कोतवाली में इंस्पेक्टर का कक्ष, आगंतुक कक्ष, कंप्यूटर रूम, स्टॉफ रूम, मुंशी आदि स्टॉफ के बैठने के लिए कमरा महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग हवालाता, स्नानागार, शौचालय, रसोईघर सहित पुलिस के जवानों और अफसरों के रहने के लिए दो और तीन मंजिला क्वार्टरों का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही बरामद वाहनों को खड़ा करने के लिए खुला स्थान रखा जाएगा। शेष खाली हिस्से में पेड पौधे लगाकर उसे हरा-भरा बनाया जाएगा।

रिपोर्ट- सुनील मिश्रा

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