Etah News: हेडमास्टरनी के चप्पल कांड के बाद आक्रोश, सरायनीम में अभिभावकों ने स्कूल में पढ़ने नहीं भेजे बच्चे

शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल योगी सरकार में मारपीट के अखाड़े बनते जा रहे हैं। कहीं हेडमास्टर बीईओ से बदसलूकी करते हैं तो कहीं महिला हेडमिस्ट्रेस द्वारा शिक्षामित्र की चप्पलों से पिटाई का वीडियो वायरल हो जाता है।

Report :  Sunil Mishra
Update:2024-09-30 16:13 IST

हेडमास्टरनी के चप्पल कांड के बाद आक्रोश (social media)

Eatah News: यूपी में एटा की तहसील जलेसर क्षेत्र में बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय विद्यालयों की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। शिक्षा का मंदिर कहा जाने वाले विद्यालय योगी सरकार में द्वंद्व युद्ध का अखाड़ा बनते जा रहे हैं। कहीं हेडमास्टर बीईओ के साथ अभद्रता करता है, तो कहीं हैडमास्टरनी द्वारा शिक्षामित्र की चप्पलों से धुनाई किये जाने का वीडियो वायरल होता है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के जनपद का प्रभारी होने के बाबजूद नौनिहालों की शिक्षा दीक्षा बद से बदतर होती जा रही है। वहीं सोमवार को जलेसर ब्लॉक के सरायनीम स्थित कम्पोजिट विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने एक भी बच्चा स्कूल नहीं भेजा। अभिभावकों के इस आक्रोश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया है।

बेसिक शिक्षा विभाग के जलेसर ब्लॉक के गांव सरायनीम स्थित कम्पोजिट विद्यालय में सोमवार को सन्नाटा पसरा रहा। विद्यालय में पंजीकृत लगभग 55 छात्र-छात्राओं में से एक भी बच्चा स्कूल नहीं आया। जानकारी करने पर विद्यालय की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका विनीता ने बताया कि सोमवार को नौ बजे तक एक भी बच्चा स्कूल नहीं आया तो वह विद्यालय में तैनात अन्य तीनो शिक्षामित्रों के साथ गांव में अभिभावकों के पास गयीं। अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया गया। मगर कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नही हुआ। अभिभावकों द्वारा कहा गया कि जब तक स्कूल में संगीता रानी हेडमास्टर रहेंगी वे अपने बच्चों को स्कूल नही भेजेंगे। चाहे बच्चा घर पर रहकर अशिक्षित क्यों नही हो जाय।

वही गांव सरायनीम की अभिभाविका राखी देवी द्वारा बताया गया कि विद्यालय में तैनात हैडमास्टरनी संगीता देवी बच्चों से अपने खाने के भोजन धुलवाती है। जब मैंने स्कूल जाकर मैडम से विरोध किया तो उन्होंने मेरे घर लौटने के बाद मेरे बच्चों को बुरी तरह से मारा पीटा था। जिससे बच्चे को हार्ट अटैक की शिकायत हो गयी थी। जब पुनः शिकायत की तो मैडम अभद्रता करने लगी थीं। इसलिए अब जब तक मैडम संगीता रानी को विद्यालय से हटाया नहीं जाता है, तब तक वह अपने बच्चों को स्कूल नही भेजेंगी।

अभिभाविका सना वेगम बताती हैं कि एक दिन मैं आधार कार्ड की कॉपी लेकर स्कूल में मैडम के पास पहुंची तो मुझसे अभद्रता करने लगीं। बच्चों को जातिवादिता का पाठ पढ़ाती हैं। जब मैंने विरोध किया तो भड़क गईं। एमडीएम का भोजन गुणवत्तापूर्ण नही बनता है। बच्चों को काफी कम मात्रा में भोजन दिया जाता है। दो किलोग्राम दूध में इतना ही पानी मिलाकर सभी बच्चों पिलाया जाता है। फल भी कभी कभार सड़े गले बांटे जाते हैं।

अभिभावक नसरूद्दीन बताते हैं कि स्कूल की हेड टीचर का व्यवहार सभी के साथ बहुत गलत रहता है। एक दिन बच्चे का खाना देने स्कूल गया था। मैं मिक्सर मशीन सही कराने अपने साथ ले गया था। तो कहने लगी कि यह मशीन कहाँ से चुराकर लाये हो। तुम चोरी करते हो। बच्चे से कहने लगी कि तेरा बाप चोर है। जब मेरी इस बात को लेकर मैडम से नोकझोंक हुई तो वह थाने में छेड़छाड़ का झूठा मुक़द्दमा लिखवा देने की धमकी देने लगी। बीआरसी पर शिकायत की मगर कोई कार्रवाई नही हुई। इसलिए हमने बच्चों को स्कूल नही भेजने का फैसला कर लिया है।

प्रधान प्रतिनिधि चक्रेश दत्त शर्मा ने बताया कि घटना वाले दिन मैं बाहर था। बाद में जानकारी की गई जिसमें प्रधानाध्यापिका की कमियां निकल कर आयी हैं। एमडीएम के बारे में भी अभिभावकों द्वारा आये दिन शिकायत की जाती है। प्रधानाध्यापिका द्वारा पूर्व में भी एक शिक्षक के साथ मारपीट की घटना बतायी गयी है। विद्यालय में बच्चों को भेजने को लेकर अभिभावकों से कहा गया था। मगर अभिभावक प्रधानाध्यापिका के हटाये जाने तक बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं हैं। बीएसए दिनेश सिंह से कई बार फोन करने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया सुनने में आया है कि हेडमास्टरनी को दिनेश सिंह का संरक्षण प्राप्त है जिस कारण वह कार्यवाही के स्थान पर छुट्टी के दिये बैठे हैं।

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