Etah News: एटा में गौशाला बनी गौ वंशों का काल, जिंदा पर ही करा दी अंतिम संस्कार की तैयारी
Etah News: जलेसर ब्लॉक के ग्राम जमालपुर दुर्जन स्थित गौशाला में देखने को मिली, जहां बजरंग दल और गौ रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने निरीक्षण किया और गुस्से का इज़हार किया।
Etah News: एटा उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के थाना जलेसर क्षेत्र में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गौ और गौवंशों की देखभाल और सुरक्षा के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद गौशालाओं में गौवंशों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। सरकार के भारी भरकम बजट के बावजूद गौशालाओं में चारा की कमी है, सफाई की व्यवस्था नहीं है और गौवंशों को उचित आश्रय भी नहीं मिल पा रहा है। यही स्थिति बीते दिन जलेसर ब्लॉक के ग्राम जमालपुर दुर्जन स्थित गौशाला में देखने को मिली, जहां बजरंग दल और गौ रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने निरीक्षण किया और गुस्से का इज़हार किया।
गौवंशों के लिए न तो उचित चारा, न ही बैठने की कोई व्यवस्था
गौशाला के अंदर कामकाजी स्थिति बेहद खराब थी, जहां गौवंशों के लिए न तो उचित चारा था और न ही बैठने की कोई व्यवस्था। यहां की सफाई भी बहुत ही जर्जर थी, जो सर्दी के मौसम में और भी मुश्किलें पैदा कर रही थी। विशेष रूप से यह चौंकाने वाली बात रही कि ग्राम प्रधान ने गौवंशों के लिए पहले से ही 15-20 गड्ढे खुदवाए थे, जो इस बात का संकेत थे कि गौवंशों को उचित देखभाल की बजाय उनका अंतिम संस्कार पहले से ही तय कर दिया गया था।
बजरंग दल के जिला संयोजक आकाश गुप्ता ने बताया कि गौशाला में निरीक्षण के दौरान उन्हें कोई भी सकारात्मक व्यवस्था नहीं मिली। उन्होंने बताया कि गायों के लिए न तो गर्मी से बचने के लिए कमरे थे और न ही उनके लिए उचित चारा व पानी की व्यवस्था थी। आकाश गुप्ता ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने गौवंशों के लिए मूलभूत सुविधाओं की बजाय उनका अंतिम संस्कार करने के लिए पहले से ही गड्ढे खुदवाए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि गौवंशों की देखभाल की बजाय उनकी जान लेने की तैयारी की जा रही है।
गौवंशों के साथ हो रही क्रूरता
इस निरीक्षण में आकाश गुप्ता के अलावा बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ता लकी मल्होत्रा (जिला विद्यार्थी प्रमुख), नगर संयोजक कुशल और गौ रक्षा प्रमुख प्रांशु कुशवाह भी मौजूद थे। सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि गौवंशों के साथ होने वाली इस क्रूरता को रोका जा सके और उनकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
यह घटना यह दर्शाती है कि प्रदेश में गौवंशों के प्रति जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से स्थिति और भी बिगड़ती जा रही है, और ऐसे में सरकारी बजट और योजनाओं का लाभ गौवंशों तक नहीं पहुँच पा रहा है।