Etah News: आखिर कब मिलेगा टेट-सीटेट पास शिक्षामित्रों को न्याय?
Etah News: 50 हजार टेट-सीटेट पास शिक्षामित्रों ने सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ पोस्टर अभियान छेड़ दिया है।
Etah News: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 50 हजार टेट-सीटेट पास शिक्षामित्रों ने सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ पोस्टर अभियान छेड़ दिया है। ये शिक्षामित्र एनसीटीई द्वारा सहायक अध्यापक के लिए लागू की गई सभी अहर्ताओं को पूरा करते हैं। इसके बावजूद, उन्हें अभी तक नियमित नहीं किया गया है। शिक्षामित्रों का कहना है कि माननीय न्यायालय भी टेट-सीटेट पास शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त करने की बात कह चुका है। फिर भी सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
शिक्षक/शिक्षामित्र उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष गुडडू सिंह ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पिछले 24 वर्षों से 1.47 लाख शिक्षामित्र सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से लगभग 50 हजार शिक्षामित्र प्रशिक्षित हैं और टेट-सीटेट पास भी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा सरकार ने शिक्षामित्रों को नियमित कर दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ।
समिति के प्रदेश महामंत्री अनुज त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की है। अकुशल श्रमिकों को अब 20,358 रुपये प्रति माह और कुशल श्रमिकों को 24,804 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। वहीं, अत्यधिक कुशल श्रमिकों को 26,910 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है। इसके विपरीत, उच्च शिक्षित और प्रशिक्षित शिक्षामित्रों को मात्र 333 रुपये प्रतिदिन यानी 9,990 रुपये प्रतिमाह का वेतन मिलता है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की हालत मजदूरों से भी बदतर है।
संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री विकास शर्मा ने कहा कि पोस्टर अभियान के माध्यम से सरकार को उनकी मांगों की याद दिलाई जा रही है। इसके तहत हर जिले में कम से कम 10 हजार पोस्टर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। ये पोस्टर सार्वजनिक स्थलों, भाजपा कार्यालयों, आरएसएस दफ्तरों और सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और भाजपा-संघ के पदाधिकारियों के आवासों के बाहर लगाए जा रहे हैं।शिक्षामित्रों ने सरकार से सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की मांग करते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उनका कहना है कि सरकार को शिक्षामित्रों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और जल्द न्याय देना चाहिए।