लखनऊ: राजधानी में ट्रैफिक जितनी बड़ी समस्या है, उससे भी बड़ी समस्या है यहां का वीवीआईपी कल्चर। इनके खिलाफ कार्रवाई करने में ज्यादातर ट्रैफिक कांस्टेबल या इंस्पेक्टर हिम्मत नही जुटा पाते। लेकिन गुरुवार शाम जब किन्नरों ने हजरतगंज के व्यस्त चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था संभाली तो किसी की नहीं चली। अधिकारी, नेता और वीवीआईपी, जिसकी भी गाड़ी पर नीली बत्ती या सायरन लगा देखा उसे झट से उखाड़ डाला।
इतना ही नहीं जिसने भी खुद को वीवीआईपी बताने की कोशिश की उनसे अपने तरीके से निपट लिया। जब किसी ने खुद को बड़ा नेता बताया तो ताली बजाकर सबको बताया कि देखो इन साहब को। ये कानून से बड़े हैं।
राह चलते आ गए थे किन्नर
हजरतगंज चौराहे पर यह सब तब शुरू हुआ जब रास्ते से गुजर रही किन्नर पायल और उसकी टीम के लोग हजरतगंज चौराहे पर रुक गए। वहां पर पुलिस पहले से ही अभियान चला रही थी। बस उसी में ये भी शामिल हो गए। फिर क्या था एक-एक कर सबके कार के हूटर और बत्तियां उतारने लगी।
पुलिस के हाथ कांपे तो किन्नरों ने संभाला मोर्चा
हजरतगंज में पुलिस ने भले ही ट्रैफिक अभियान चला रखा था और उसमे उनके साथ डिप्टी एसपी रैंक का अधिकारी साथ था, लेकिन एक के बाद एक खुद को वीवीआईपी बताने वालें लोगों की गाड़ियों को छूने में पुलिस के हाथ कांपने रहे थे तो किन्नरों ने वहां पर मोर्चा संभाल कर पुलिस को यह संदेश दे दिया कि कानून से बड़ा कोई नहीं।
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