ओडीओपी उत्पादों की कमियां दूर करने के लिए हर जिले में बनेंगे सुविधा केंद्र

प्रदेश सरकार एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम के  तहत चिन्हित विशिष्ट उत्पादों की कमियों को दूर करने लिए सभी जिलों में कम से कम एक-एक सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) स्थापित कराने जा रहा है।

Update: 2019-08-16 14:22 GMT

लखनऊ: प्रदेश सरकार एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम के तहत चिन्हित विशिष्ट उत्पादों की कमियों को दूर करने लिए सभी जिलों में कम से कम एक-एक सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) स्थापित कराने जा रहा है।

इसके साथ ही एमएसएमई व एएसआईडीई अस्टिेंट टू स्टेट फार डेवलपमेंट आफ एक्सपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना के अधूरे सामान्य सुविधा केन्द्रों को भी ओडीओपी के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर जल्द से जल्द शुरू कराया जायेगा।

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प्रमुख सचिव लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने कही ये बात

अधिकारियों के साथ ओडीओपी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये शुक्रवार को प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, डा. नवनीत सहगल ने कहा कि उन्होंने कहा कि कारीगरों को उत्कृष्ट डिजाइन सुलभ कराने पर विशेष बल दिया गया है।

इसके लिए जिलों में डिजाइन सेंटर भी स्थापित कराये जायेंगे। उन्होंने जिले के सभी अधिकारियों को इससे संबंधित सूचना शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों के चिन्हित विशिष्ट उत्पादों के उत्पादन से लेकर विपणन तक के लिए कच्चा माल, डिजाइन, उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता सुधार, अनुसंधान एवं विकास, पर्यावरण, उर्जा संरक्षण तथा पैकेजिंग आदि की सुविधा प्रदान करने के लिए सभी जिलों में सीएफसी स्थापित किये जायेंगे।

प्रमुख सचिव ने कहा कि ट्रिपिल पी के तहत स्थापित होने वाले सामान्य सुविधा केन्द्रों के लिए राज्य सरकार 90 प्रतिशत अनुदान देगी। सभी जिलों में सीएफसी की स्थापना के लिए एजेन्सी के माध्यम से बेसलाइन सर्वे कराया जा रहा है।

एजेंसियां पेश करेंगी अध्ययन रिपोर्ट

ये एजेन्सियां लोगों और संस्थाओं के बीच जाकर ओडीओपी उत्पादों के सभी पहलुओं का अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। उन्होंने बताया कि अभी तक छह डिस्ट्रिक सर्वे डीएसआर रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इस पर कार्य चल रहा है।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राप्त डीएसआर के अनुसार सीएफसी की स्थापना पर वरीयता दी जाय। साथ ही अन्य जनपदों से भी जल्द से जल्द डीएसआर प्राप्त करने की कार्यवाही की जाये।

डा. सहगल ने कहा कि सामान्य सुविधा केन्द्रों के माध्यम से टेस्टिंग लैब, डिजाइन डेवलपमेंट एण्ड ट्रेनिंग सेंटर, तकनीक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, उत्पादन प्रदर्शन सह विक्रय केन्द्र, कामन प्रोडक्शन प्रोसेसिंग सेंटर, सामान्य लाजिस्टिक सेंटर सूचना संग्रह विश्लेषण एवं प्रसारण केन्द्र तथा पैकेजिंग, लेबलिंग एवं बारकोडिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।

सामान्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना, संचालन एवं रख-रखाव एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) द्वारा किया जायेगा।

इन केन्द्रों की स्थापना के लिए 15 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं ली जायेंगी। लागत का 10 प्रतिशत एसपीवी द्वारा तथा शेष 90 फीसदी राशि राज्य सरकार वहन करेगी।

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