वृद्धा की मौत पर भड़के परिजन, कोविड सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ की मारपीट

अस्पताल की लापरवाही का शिकार मरीज और परिजनों के गुस्से का शिकार स्वास्थ्यकर्मी हो रहे हैं।

Written By :  Anoop Hemkar
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-05-09 11:03 GMT

 फोटो— (साभार— सोशल मीडिया)

बलिया। कोरोना काल में अस्पताल की लापरवाही का शिकार मरीज और परिजनों के गुस्से का शिकार स्वास्थ्यकर्मी लगतार हो रहे हैं। बावजूद इसके स्वस्थ्य महकमा अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग होने को तैयार नहीं हैं। सरकार जहां कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज की दंभ रही है, अव्यवस्था के बीच डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों के मरने का क्रम जारी है। बलिया जिले के फेफना थानाक्षेत्र के फेफना गांव में बने कोविड सेंटर में आज एक वृद्धा की इलाज के दौरान मौत पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला बोल दिया, जिसमें दो चिकित्सक सहित चार स्वास्थ्य कर्मी घायल हो गए हैं।

जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमित 65 वर्षीय वृद्धा परिजन इलाज के लिए कोविड सेंटर पहुंचे थे, लेकिन यहां स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे भर्ती करने की जगह करीब आधे घंटे तक टाल—मटोल में लगे रहे। काफी मशक्कत के बाद महिला को जैसे—तैसे भर्ती कर दिया गया, लेकिन इसके थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला बोल दिया जिसमें 4 लोगों के घायल होने की खबर है।

वहीं इस संदर्भ में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि फेफना गांव स्थित सरकारी कोविड अस्पताल में आज तड़के तकरीबन 3 बजे जिले के पकड़ी थाना क्षेत्र के रामा पाली गांव की बादामी देवी 65 वर्ष को लेकर उनके परिजन पहुंचे थे। कोविड संक्रमित महिला की स्थिति काफी गंभीर थी। स्वस्थ्यकर्मियों ने महिला को तुरंत भर्ती कर लिया और ऑक्सीजन देते समय उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि महिला की मौत के बाद उसके परिजन आपे से बाहर हो गए और चिकित्सकों से मारपीट करने साथ ही अस्पताल में भी तोड़फोड़ की।

उन्होंने बताया कि इस हमले में अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रीतम कुमार पांडेय व डॉ शरद कुमार के साथ ही स्वास्थ्य कर्मी किशन कुमार व रिजवान घायल हो गए हैं। चिकित्सकों के चार पहिया वाहन में भी तोड़फोड़ किया गया है।

फेफना थाना प्रभारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि घटना से नाराज वृद्धा के परिजन अस्पताल से शव न ले जाने और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़ गए थे, जिन्हें किसी तरह समझा—बुझाकर शव ले जाने के लिए तैयार किया गया। उन्होंने बताया कि परिजनों को जांच और नियमानुसार मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया गया है।

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