ये है दबंग बहुओं का शहर, डरकर रहते हैं ससुराल वाले
परिवार परामर्श केंद्र में आवेदन पति-पत्नी के विवाद के पहुंच चुके हैं। इनमें कुछ आवेदनों में बहू की धमकी की शिकायतें हैं
झाँसी: 'सर! बहू धमकी दे रही है कि आत्महत्या कर फंसा देगी। वह बार-बार मायके चली जाती है। अभी शादी के चंद रोज भी नहीं हुए।' एक महिला ने नवाबाद थाने में आयोजित परिवार परामर्श केंद्र में यह बात रखी। यह तो केवल एक मामला था, जबकि हकीकत यह है कि अधिकतर बहुएं कानून का दुरुपयोग कर ससुराल वालों को अपने इशारे पर चलने के लिए मजबूर कर रही है। उनकी धमकियों के चलते खुशहाल परिवार में मानसिक परेशानियां बढ़ रही हैं। ऐसे में परिजन बहुओं से मिलने वाली धमकी या फिर उससे बचने के लिए विवाद के पूर्व ही पुलिस थानों व परिवार परामर्श केंद्रों में लिखित सूचना देने को मजबूर हो रहे हैं। उनका मानना है कि बहु ने यदि किसी दिन कोई गलत कदम उठा लिया तो यह आवेदन उनकी रक्षा कर सकेगा।
परिवार परामर्श केंद्र में तीन मामलों को हुआ निस्तारण
दरअसल, परिवार परामर्श केंद्र में कई आवेदन पति-पत्नी के विवाद के पहुंच चुके हैं। इनमें कुछ आवेदनों में बहू की धमकी की शिकायतें हैं। आलम ये है कि औसतन रोज एक आत्महत्या की वजह पति-पत्नी के बीच के रिश्तों की खटास होती है। परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे दंपति सिर्फ इस कारण एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं कि उनके बीच शक का दायरा बढ़ गया है। इस दायरे को खत्म करने के लिए पारिवारिक स्तर पर प्रयास किए जाना बहुत आवश्यक है। अन्यथा आने वाले दिनों में शादी के पूर्व परिजनों को बहुत सी बातें सोचने पर मजबूर होना होगा। शनिवार को तीन मामलों का निस्तारण किया गया। इस अवसर पर दीपक राठौर, काउंसलर श्रीमती अपर्णा दुबे, श्रीमती कविता माहेश्वरी, डॉ. आलिया एजाज, महिला परामर्श केंद्र सदस्य महिला आरक्षी संजू आदि लोग उपस्थित रहे।
शादी के चंद दिनों बाद बचाव में दे रहे आवेदन
परामर्श केंद्र में कुछ ऐसे भी रोचक मामले सामने आए, जिसमें शादी के चंद दिनों बाद लड़के या फिर उसके पिता की तरफ से बचाव में आवेदन दिए जा रहे हैं। इसमें आशंका व्यक्त की गई है कि उनकी बहू आत्महत्या कर परिवार के सदस्यों को फंसा सकती है। हालांकि, ऐसे आवेदनों को परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने लौटा दिया।
इनका कहना है-
परिवार परामर्श केंद्र का उद्देश्य पति-पत्नी के बीच की कटुता दूर करना होता है। लेकिन, बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी आवेदन लेकर आ रहे हैं, जिसमें बचाव के लिए लोग बहू की आत्महत्या का संदेह व्यक्त करते हैं।- डॉ. आलिया एजाज, काउंसलर