Maithili Thakur in Prayagraj: बिहार में ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने के बाद संगम नगरी पहुंची मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर

Prayagraj News Today: मैथिली ठाकुर अपने भाई ऋषभ के साथ आज से शुरू हुए शिल्प मेले को लेकर प्रयागराज आई हुई हैं। हालांकि मैथिली शुक्रवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।

Report :  Syed Raza
Update: 2022-12-01 17:49 GMT

मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर

Maithili Thakur in Prayagraj: धर्म नगरी प्रयागराज में आज मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर पहुंची। मैथिली ठाकुर एक ऐसी लोक गायिका है जिनके प्रशंसक भारत के साथ-साथ विदेशों में भी है ।हाल ही में बिहार सरकार ने खादी एवं हस्तकला उद्योग का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है। महज 22 साल की उम्र में मैथिली ठाकुर ने वह मुकाम हासिल किया है जो किसी भी शख्स का सपना हुआ करता है। कुछ दिन पहले ही मैथिली ठाकुर को संगीत नाटक एकेडमी की तरफ से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

मैथिली ठाकुर अपने भाई ऋषभ के साथ आई प्रयागराज

मैथिली ठाकुर अपने भाई ऋषभ के साथ आज से शुरू हुए शिल्प मेले को लेकर प्रयागराज आई हुई हैं। हालांकि मैथिली शुक्रवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी। खास बातचीत करते हुए मैथिली ने कहा कि वह बेहद खुश है क्युकी बिहार सरकार ने इतनी बड़ी उपलब्धि से नवाजा है। उन्होंने बताया कि महज 3 साल की उम्र में उन्होंने गाना शुरू कर दिया था जो पिछले 19 सालों से लगातार जारी है।


अगर वह गायिका नहीं होती तो उनका सपना था कि वह एक आईएएस अधिकारी बने: मैथिली

मैथिली ठाकुर ने बताया कि अगर वह गायिका नहीं होती तो उनका सपना था कि वह एक आईएएस अधिकारी बने । मैथिली ग्रेजुएट है और संगीत की ही दुनिया में बने रहने की इच्छा जाहिर की है। मैथिली ने बताया कि उनकी तरक्की में उनके दोनों भाइयों का बड़ा सहयोग है। आज के दौर में वेस्टर्न कल्चर के गीतों को लेकर के मैथिली ने कहा कि भारतीय संस्कृति की पहचान लोकगीत से है उनकी पहली पसंद लोकगीत ही हैं।

2019 में कुंभ मेले में आई थी प्रयागराज

आपको बता दें मैथिली इससे पहले 2019 में लगे देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ मेले में प्रयागराज आई थी। जिसके बाद अब वह दोबारा प्रयागराज पहुंची है। मैथिली का कहना है कि अगर उनको आने वाले माघ मेले या फिर 2025 के कुंभ मेले में बुलाया जाएगा तो वह जरूर आयेंगी क्योंकि इससे बड़ा मंच नहीं हो सकता। देश और विदेश के कोने-कोने से करोड़ों की संख्या में लोग आस्था की डुबकी लगाने के बाद सांस्कृतिक मंच में लोकगीत भी सुनते हैं। 


बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ मैथिली ठाकुर का जन्म

मैथिली ठाकुर का जन्म बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अलावा मैथिली को लोक संगीत का प्रशिक्षण उनके पिता और दादा से मिला है। मैथिली ने अपने दो भाइयों ऋषभ और अयाची के साथ विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में संगीत प्रस्तुतियां भी दी हैं।

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