कानपुर: विधनू थाना क्षेत्र में एक किसान के खेत में खुदाई के दौरान हजारों वर्ष पुरानी भगवान विष्णु की मूर्ति निकली है। किसान के बेटे की पिछले 8 महीने से तबियत खराब थी। उसे अक्सर एक ही सपना आता था कि ''मैं तुम्हारे खेत में हूं मुझे बाहर निकालों।''
बुधवार को अचानक भगवान विष्णु की मूर्ति के बाहर आने से सभी हैरान हो गए। इसको देखने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग पहुंच गए। पूरा गांव भगवान विष्णु के जयकारों से गूंज उठा। गांव में जश्न का माहौल है महिलाओं ने ढोलक, मजीरे की थाप पर भजन गाना शुरू कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
-बिधनू थानाक्षेत्र स्थित सकरा रोड पर भूरे पुरवा गांव में रहने वाले होरीलाल राजपूत का गांव के बाहर तीन बीघे खेत है।
-सियाराम उसके खेत में बुधवार को मेड़ बना रहा था तभी खुदाई के दौरान एक पत्थर दिखाई दिया।
-जब उसको और खोदा तो उसे मूर्ति दिखाई देने लगी उसने यह सूचना होलीलाल और गांववालों को दी।
-सभी ने मिलकर मूर्ति को बाहर निकाला। पांच फिट की भगवान विष्णु की मूर्ति देख सभी हैरान हो गए।
-यह बात पूरे गांव में आग की तरह फ़ैल गई हजारों की संख्या में ग्रामीण मूर्ति को देखने के पहुंचन लगे।
होरीलाल के बेटे को आता था सपना
-किसान होरीलाल की पत्नी शिवदेवी के मुताबिक हमारे बेटे रणविजय की तबियत बीते आठ माह से ख़राब थी।
-इसकी बीमारी में लगभग दो लाख रुपया लग गया है।
-उसको अक्सर सपना आया करता था कि ''मैं तुम्हारे खेत में हूं मुझे बाहर निकालों।''
-इसकी वजह से गांव में पास स्थित बीहड़ देवी के मंदिर में वह रोजाना पूजा करने करने लगा।
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परिवार में खुशी का माहौल
-होरीलाल की पत्नी के मुताबिक घर समेत पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
-आखिर भगवान विष्णु स्वयं ही खेत से बाहर आ गए।
-ढोलक व मंजीरे की थाप पर ग्रामीण नाच रहे हैं बड़ी संख्या में लोग पूजा अर्चना कर रहे हैं।
-पत्नी ने कहा कि मंदिर के नाम पर दान की गई जमीन पर ही मंदिर बनेगा।
-उन्होंने कहा कि गांव में किसी की शादी हो या फिर मुंडन संस्कार बीहड़ देवी में ही होता था।
-लेकिन अब दोनों ही मंदिरों का निर्माण कराया जाएगा जिसमे पूरा गांव सहयोग करने को तैयार है।
गांव की महिलाओं ने क्या कहा
-ढोलक की थाप पर नाच रही महिलाओं का कहना है कि हमारे गांव में भगवान विष्णु का जन्म हुआ है।
-गांव में खुशियों का माहौल है हम सभी उनकी पूजा अर्चना कर मंगल गीत गा रहे है।
-इनकी स्थापना से गांव में सभी प्रकार की बुराइयां नष्ट हो जाएंगी और खुशहाली का माहौल होगा।
-उन्होंने बताया कि हमारा गांव बहुत पिछड़ा है, लकिन अब गांव की स्थति में सुधार होगा।
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150 साल पहले निकली थी लक्ष्मी जी की मूर्ति
-ग्रामीण पप्पू सेंगर के मुताबिक जिस स्थान पर यह प्रतिमा निकली है उसे बीहड़ देवी के नाम से जाना जाता है।
-यहां पर डेढ़ सौ साल पहले सबसे पहले लक्ष्मी जी की छोटी सी प्रतिमा निकली थी।
-जिसे एक चबूतरे में रख दिया गया और गांव के लोग पूजा करने आने लगे।
-इसके बाद से इस इलाके को बीहड़ देवी के नाम से जाना जाने लगा था।
-इसके साथ ही जब भी खेतों की खुदाई होती थी तो छोटी-छोटी मूर्तियां निकलती रहती थीं।
-लेकिन यह भगवान विष्णु की सबसे बड़ी प्रतिमा निकली है।
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किसान होरीलाल ने क्या कहा
-खेत से मूर्ति निकाली गई तो देखने से साफ स्पष्ट हो रहा है कि यह हजारों साल पुरानी प्रतिमा है।
-मूर्ति की नक्काशी इस प्रकार है जैसे सतयुग के मंदिरों व मूर्तियों में होती थी।
-उन्होंने बताया कि मूर्ति को निकाल कर पानी से धुल कर रखा गया है।
-लेकिन जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई तो वह बड़ी संख्या में आ गए।
-ग्रामीणों ने फूल ,फल व प्रसाद चढ़ाकर पूजा अर्चना शुरू कर दी।
-होरीलाल ने बताया कि विष्णु भगवान की प्रतिमा को स्थापित कराने के लिए हम पांच सौ गज जमीन दे रहे हैं।
-जहां पर मंदिर का भव्य निर्माण कराया जाएगा जिसमे पूरा गांव सहयोग करेगा।