Farrukhabad News: इस तालाब में स्नान करने से कुष्ठ रोग हो जाते हैं ठीक, पढि़ए पूरी खबर
फर्रुखाबाद में एक तालाब में स्नान करने से लोगों के सफेद दाग ठीक हो जाते हैं। इस तालाब का जिक्र महाभारत काल से ही है।
Farrukhabad News। फर्रुखाबाद में एक ऐसा तालाब है जिसमे डुबकी लगाने से शारीर से कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिल जाती है। कहते है इस तालाब को महाभारत काल में बनवाया गया था। इस तालाब के बारे में तरह तरह की कहानियां प्रचलित है। इस तालाब पर लोग श्रद्धा का सैलाब लेकर दूर दूर से आते है। इस तालाब पर कार्तिक पूर्णिमा,माघी,दशहरा आदि पर्वो पर मेला भी लगता है।
तालाब में स्नान करने से दूर होता कुष्ठ रोग
फर्रुखाबाद बस अड्डे से 15 किलोमीटर दूर इस तालाब तक पहुँचने के लिए फर्रुखाबाद बस स्टाप पर उतरने के बाद शमशाबाद फिर वहां से टाँगे या अपने निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है। कार्तिक पूर्णिमा,माघी,दशहरा आदि पर्वो पर मेला भी लगता है। इस तालाब में स्नान करने के लिए कई प्रदेशो से लोग अपनी बीमारी के इलाज के लिए आते है। बहुत से भक्त अपने परिवार का मुंडन संस्कार भी यही पर कराते है। इस तालाब की गहराई 30 फीट है। तालाब में बहुत से जल जीव है। जिसमे मछली बहुत अधिक है। मछली पकड़ने का किसी को अधिकार नही है कई बार मछली खाने वालो ने इस तालाब से चोरी से मछली मारने का प्रयास किया लेकिन सफल नही हो सके।
यहां पर आए लोगों ने बताया कि पांडवो के अज्ञातवास के समय यह तालाब पानी पीने के लिए बनाया हुआ था। उस काल में इस क्षेत्र में जंगल हुआ करता था। उसी के बीच इसका निर्माण किया गया होगा। कहावत है कि हरिद्वार के राजा चिंतामणि यहाँ से गुजर रहे थे। तो उनका रथ इसी तालाब को देखकर रोका गया क्योकि राजा को शौच क्रिया करना था। राजा ने शौच क्रिया करने के बाद जैसे ही तालाब के पानी में हाथ डाला तो उनके शरीर पर सफेद दाग थे । उनके दागो पर तालाब के पानी का असर दिखाई दिया। तभी उन्होंने इस तालाब को चारो तरफ से पक्का बनवा दिया जिसमे चार द्वार भी बनाये गए।जो आज भी बने हुए है।
इस तालाब की मान्यता है की यहां पर जो कुष्ठ रोगी इस तालाब में स्नान करता है उसके लगातार एक महीने तक स्नान करने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है। लेकिन रोगी के अंदर सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए। लेकिन जिला प्रशासन इसकी देखभाल नही करवा रहा है। प्रशासन की अनदेखी के चलते यह तालाब खंडर में तब्दिल होता जा रहा है |