लॉकडाउन का खौफ: टीचर ने सीएम योगी को बताया तानाशाह, वीडियो हुआ वायरल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए स्कूल संचालक ने कहा कि मुख्यमंत्री को खुला चैलेंज कर रहा हूं कि अगर एक अप्रैल तक स्कूल नहीं खोले गए तो इन सारे बच्चों को लेकर मैं सड़क पर धरने पर बैठ जाऊंगा।

Update:2021-03-24 23:03 IST
वायरल वीडियो असंवैधानिक कृत्य के लिए मजबूर होने का दावा दंडनीय या आलोचना

लखनऊ: कोरोना और लॉकडाउन ने लोगों को इस कदर डरा दिया है कि वह बगैर सोच विचार किए देश के राजनेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को भी उल्टा पुल्टा बोलने लगे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक स्कूल का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति स्कूली बच्चों और शिक्षकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीधे ललकार रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तानाशाह करार देते हुए कह रहा है कि अगर एक अप्रैल से स्कूलों को नहीं खोला गया तो सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।

क्या है वायरल वीडियो में

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में स्कूल का परिसर दिखाई दे रहा है। छोटी कक्षाओं के बच्चे कतार बद्ध होकर मास्क लगाकर खड़े हैं उन सबके बीच में शर्ट पर हाफ जैकेट पहने हुए एक एक व्यक्ति दिखाई दे रहा है जिसे स्कूल संचालक बताया जा रहा है। स्कूली बच्चों से यह व्यक्ति कह रहा है कि आज 23 मार्च है और भारत सरकार ने एक बार फिर स्कूलों को 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया है। वह व्यक्ति इसे तुगलकी फरमान बता रहा है।

वह बच्चों को याद दिला रहा है कि 1 साल पहले भी ठीक ऐसा ही किया गया था जब बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं होने वाली थी तब स्कूल को कोरोना वायरस फैलने के डर से बंद कर दिया गया था। तब से लेकर पूरे साल तक विद्यालय बंद रहा इससे बच्चों की पढ़ाई को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ इस साल जब स्कूल खुला तो बच्चों ने अपनी पढ़ाई के लिए किताब कॉपी समेत सभी इंतजाम कर लिए तो सरकार का तुगलकी फरमान आया है कि आप फिर विद्यालय 31 मार्च तक बंद होगा।

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शुरुआती भूमिका के बाद यह व्यक्ति सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुखातिब हो जाता है और उनसे सवाल पूछते हुए कहता है कि वह बताएं कि वह बच्चों के भविष्य के साथ और जो प्राइवेट स्कूलों में टीचर बच्चों को पढ़ाकर अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं उनके पेट पर लात क्यों मार रहे हैं इन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं। साल भर जब स्कूल बंद रहे तो किसी भी विद्यालय के शिक्षक या प्रबंधक ने इसे शुरू किए जाने के लिए धरना प्रदर्शन नहीं किया।

''गोरखपुर महोत्सव करा रहे थे तो क्या कोरोना नहीं फैल रहा था''

सरकार के फैसले का पूरा सपोर्ट किया, लेकिन जब बीच में कोरोना वायरस है तो सरकार को बताना चाहिए कि जब गोरखपुर महोत्सव करा रहे थे तो क्या कोरोना नहीं फैल रहा था। क्या तब खतरा नहीं था। जब आप प्रयागराज में कुंभ का मेला लगवा रहे थे तो कोरोना नहीं फैल रहा था जबकि वहां करोड़ों लोग स्नान करने के लिए पहुंचे।

अभी हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन आप करवा रहे हैं तो कोरोना नहीं फैल रहा है चुनाव हो रहा है तो कोरोना नहीं फैल रहा है। विद्यालय जो देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का जीवन निर्माण करते हैं। उनके साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है पिछले 2 साल के दौरान प्रारंभिक शिक्षा को बिल्कुल बर्बाद कर दिया गया है। तो आप से पूछना चाहेंगे कि बच्चों के भविष्य के साथ मैच क्यों खेल रहे हैं यह जितने भी बच्चे यहां मौजूद हैं इनके अभिभावकों ने बच्चों की पुस्तक -कॉपी समेत सभी प्रबंध कर दिए हैं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए स्कूल संचालक ने कहा कि मुख्यमंत्री को खुला चैलेंज कर रहा हूं कि अगर एक अप्रैल तक स्कूल नहीं खोले गए तो इन सारे बच्चों को लेकर मैं सड़क पर धरने पर बैठ जाऊंगा। यही इतना नहीं है लखनऊ तक प्रदर्शन करूंगा और जरूरत पड़ी तो असंवैधानिक कदम भी उठा लूंगा। यह इसलिए करूंगा, क्योंकि यह बात केवल मेरे तक सीमित नहीं है इतने सारे बच्चों के भविष्य का सवाल है स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की रोजी रोटी से जुड़ा मामला है। इन सारे बच्चों का भविष्य आप लोग अंधकार में डालने हैं आप लोग खुद नहीं चाहते हैं कि बच्चा पढ़े और पढ़ कर किसी लायक बने।

''कोरोना का ड्रामा कर विद्यालय को सबसे पहले बर्बाद कर रहे''

आप लोगों को जब अपनी राजनीतिक रैली करनी होती है चुनाव कराना होता है तो करोना नहीं होता है। जब आपको लगता है कि आप के खिलाफ विपक्ष में लोग खड़े हो रहे हैं तो आपको कोरोना का ड्रामा कर विद्यालय को सबसे पहले बर्बाद कर रहे हैं। गोरखपुर जिले में 193 विद्यालयों की मान्यता निरस्त होने का दावा करते हुए उक्त व्यक्ति ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि 1 साल के लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल नहीं खोले गए तो ऐसे विद्यालय जो किराए के भवन में संचालित हो रहे थे ,जो 40 से 50 हजार महीना किराया दे रहे थे। उन्होंने अपना स्कूल बंद कर दिया और मान्यता सरेंडर कर दी।

सरकारी स्कूल तो पहले से ही बदहाल हो चुके हैं ऐसे में अभिभावक क्या करें अपने बच्चों को कहां पढ़ाए। शिक्षक भी क्या करें यहां अभी जो शिक्षक पढ़ा रहे हैं उनकी रोजी-रोटी इसी से चलती है आप हमारे पेट पर प्रहार कर रहे हैं। अगर आप स्कूल बंद करना चाहते हैं तो पहले कुंभ का आयोजन रद्द कीजिए, गोरखपुर महोत्सव का आयोजन रद्द कीजिए। आप अपना नियम का पालन पहले खुद कीजिए। बच्चों के अभिभावकों ने उनके लिए दो ₹2000 की किताब कापी का जुगाड़ किया है और जब पढ़ने का मौका आया तो स्कूल फिर से बंद कर दे रहे हैं। जितने दिन लाखलॉकडाउन रहा उतने दिन का हम लोगों ने शुल्क माफ किया शिक्षकों को वेतन नहीं दिया। क्योंकि जब हम लोगों को फेस नहीं मिली तो वेतन कहां से देते।

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मुख्यमंत्री पर उतारा गुस्सा

वीडियो में बताई गई सूचनाओं के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह गोरखपुर के किसी स्कूल का वीडियो है। स्कूल संचालक का भाषण बता रहा है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बेहद नाराज है। योगी सरकार के राजनीतिक एजेंडे की आलोचना करते हुए स्कूल संचालक ने कहा कि मैं लिख कर दे रहा हूं कि आप का राजनीतिक एजेंडा बर्बाद होने वाला है। 1 सप्ताह के लिए अगर स्कूल बंद करना है तो बंद कर लीजिए लेकिन याद रखिए कि एक अप्रैल के बाद स्कूल खोलना होगा नहीं तो तानाशाही उतना ही अच्छा है जितना तानाशाह के अंत होने का समय ज्यादा दूर हो। आपका समय बिल्कुल नजदीक आ गया है। तो आप से उम्मीद है कि 1 अप्रैल के बाद समय नहीं बढ़ाएंगे। इन बच्चों और अभिभावकों के साथ जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक धरने पर बैठ जाऊंगा।

''लोगों की चिंता करना छोड़ दे सरकार''

वीडियो के आखिरी हिस्से में स्कूल संचालक ने कहा कि अगर 1 अप्रैल तक कोरोना वायरस काबू में नहीं आता है तो सरकार लोगों की चिंता करना छोड़ दे हम लोगों को स्कूल खोलने दिया जाए। भविष्य की परिस्थितियों के लिए हम खुद जिम्मेदार होंगे। क्योंकि अगर स्थितियां बिगड़ी तो लॉकडाउन लगाने के बाद खाना हम ही लोग पहुंचाएंगे। लोगों के आने जाने की व्यवस्था हम ही लोग करेंगे। उनके दवा-दारू की व्यवस्था हम ही लोग करेंगे। आप सिर्फ ड्रामा करेंगे। सिर्फ थाली पिटवाएंगे तो मैं उम्मीद करता हूं कि आप 1 अप्रैल के बाद विद्यालय खोल दीजिएगा इन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत कीजिएगा।

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वीडियो ने मचाई सनसनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला करने वाले इस वीडियो के वायरल होने के बाद सरकारी अमले में भी सनसनी फैल गई है इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। सरकार के अधिकारी भी वीडियो की पुष्टि कराने और मामले की जांच कराने की बात कर रहे हैं।

रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी

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