फिल्म राम जन्मभूमि के निर्माता, निर्देशक और भारत सरकार से जवाब तलब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राम की जन्मभूमि फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी, निर्देशक सुनोज मिश्र, यू ट्यूब स्पेस मुम्बई, फ्यूचर कम्युनिकेशन इण्डिया, मुम्बई, गूगल इण्डिया मुम्बई सेन्ट्रल फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड के अध्यक्ष व मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नोटिस जारी की है।

Update: 2019-05-02 15:56 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राम की जन्मभूमि फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी, निर्देशक सुनोज मिश्र, यू ट्यूब स्पेस मुम्बई, फ्यूचर कम्युनिकेशन इण्डिया, मुम्बई, गूगल इण्डिया मुम्बई सेन्ट्रल फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड के अध्यक्ष व मुख्य कार्यपालक अधिकारी को नोटिस जारी की है और भारत सरकार सहित विपक्षियों से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने प्रयागराज के हुसैन अख्तर व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता चन्द्र भूषण सिंह ने पक्ष रखा। याची का कहना है कि राम की जन्मभूमि के प्रसारण से हिन्दू मुस्लिम के बीच धार्मिक सौहार्द्र बिगड़ेगा।

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फिल्म में जो नारे दिए गए है वे अपमानजनक व भड़काऊ है। इससे लोक शांति भंग हो सकती है। मुस्लिम व मुस्लिम सभ्यता बदनाम होगी। सरकार की तरफ से कहा गया कि दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर सेंसर बोर्ड की कमेटी ने जांच कर ए प्रमाणपत्र दिया है। कुछ अंश काटे गए हैं। याची ने इससे अनभिज्ञता जताई कि कौन से अंश कटे है। जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई जुलाई में होगी।

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