यूपी में खस्ताहाल फायर ब्रिगेड, आग भड़की तो मलते रहेंगे हाथ

Update: 2016-05-09 11:16 GMT

इलाहाबाद: उत्तराखंड के जंगलों में हफ्तों सुलगती रही आग ने यूपी को लेकर ढेरों सवाल खड़े कर दिए हैं। जिलों में आग से निपटने के जो संसाधन उपलब्ध हैं, उनसे माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हैं। अगर आगजनी से निपटने के गंभीर उपाय न किए गए, तो किसी अनहोनी के बाद सिर्फ पछतावा हाथ लगेगा।

कर्मियों की कमी

-यूपी में फायर ब्रिगेड के 50 फीसद पद खाली पड़े हैं।

-औसतन 2 पुलिसकर्मियों पर 1 लाख से ज्यादा आबादी का जिम्मा है।

-तय नियमों के तहत 1 लाख पर कम से कम 5 फाय़रकर्मी होने चाहिए।

-कानपुर सबसे खराब हालत में, फिर वाराणसी और आगरा

समय पर काम नहीं करते फोन नंबर

न गाड़ी, न ड्राइवर

-संसाधनों की कमी में इलाहाबाद पांचवें नंबर पर है, जहां 20 लाख की आबादी पर 35 दमकलकर्मी हैं।

-इलाहाबाद में सिर्फ 12 गाड़ियां हैं, और ड्राइवर तो महज 5 ही।

-घटना होने पर हेल्पलाइन नंबर और दूसरे नंबर कनेक्ट नहीं होते ।

-खराब उपकरण भी विभाग की बड़ी समस्या हैं। कई मामलों में बड़ा नुकसान हो चुका है।

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