UP: परेशान किसानों ने आवारा पशुओं को स्कूल में किया बंद, तहसीलदार ने सुनी समस्या, बोले- करेंगे कार्रवाई

Firozabad News: किसानों का कहना है रात-रात भर जागकर खेती की रखवाली करते हैं। आवारा गोवंश उनकी फसल चौपटकर रही है। किसान इस वजह से सो तक नहीं पाते फसल की रखवाली के साथ सड़क पर आवारा गोवंश हादसों की वजह बन रहे हैं।

Report :  Brajesh Rathore
Update: 2023-12-13 10:38 GMT

परेशान किसानों ने आवारा पशुओं को स्कूल में किया बंद (Social Media)

Firozabad News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में आवारा पशुओं का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आवारा पशुओं को सरकारी भवनों में कैद करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मामला बुधवार (13 दिसंबर) को जिले के नसीरपुर क्षेत्र के गांव छटनपुर में तंग किसानों ने इन आवारा गोवंश को एक सरकारी स्कूल में बंद कर दिया। ग्रामीणों की इस हरकत से शिक्षक और छात्र परेशान हो गए। छोबच्चों में दहशत दिखी। जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और गोवंश को गौशाला भेजने की व्यवस्था की। 

क्या है मामला?

फिरोजाबाद जिले के थाना नसीरपुर क्षेत्र के गांव छटनपुर में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले आवारा गोवंश से किसान खासे परेशान हैं। तंग आकर किसानों ने गोवंश को प्राथमिक विद्यालय में कैद कर दिया। जिससे शिक्षक और छात्र परेशान हो गए। छोटे-छोटे डर के मारे घर भाग गए। इसकी जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष प्रेमनारायण पांडेय मौके पर पहुंचे। किसानों से बातचीत की। उनकी पीड़ा को समझा। पशु चिकित्साधिकारी को सूचना दी। उच्च अधिकारियों को भी खबर दिया। तहसीलदार ने वाहन की व्यवस्था कर गोवंश को गौशाला भेजने की व्यवस्था की। 

ये है किसानों की समस्या

किसानों ने समस्या बतायी। उनका कहना है रात-रात भर जागकर खेती की रखवाली करते हैं। आवारा गोवंश उनकी फसल चौपटकर रही है। किसान इस वजह से सो तक नहीं पाते फसल की रखवाली के साथ सड़क पर आवारा गोवंश हादसों की वजह बन रहे हैं। प्रतिदिन कहीं न कहीं दुर्घटनाएं हो रहे है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोई आवारा सांड आम लोगों पर अचानक हमला कर देता है। यहां तक की पालतू पशुओं को जो चारा डालते हैं वह भी ये जानवर खा जाते हैं।

पशु चिकित्साधिकारी ये बोले 

मौके पर पहुंचे पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह ने बताया, 'सरकार आवारा गोवंश संरक्षित कर रही है। यह समस्या सभी जगह की है। इन्हें सही जगह यानी गौशाला पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।  अधिक से अधिक गोवंश को संरक्षित किया जा रहा है।' पशु चिकित्साधिकारी ने आगे कहा, आंगनबाड़ी के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण को आये डॉ विक्रमवहादुर ने विद्यालय में गोवंश देख गांव में जाकर बच्चों का परीक्षण किया। विद्यालय के अध्यापक भी काफी परेशान नजर आए। 

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