UP: गर्भवती बीवी की दुहाई देकर छुट्टी मांगता रहा सिपाही, जब जच्चा-बच्चा की हो गई मौत तब जागे अधिकारी

Jalaun News: सिपाही को छुट्टी न मिलने से उसकी गर्भवती बीवी की मौत हो गई। समय से उचित इलाज न दिला सका था सिपाही। थानाध्यक्ष की लापरवाही आई सामने।

Report :  Aniket Gupta
Update:2024-04-21 20:39 IST

Jalaun News: जालौन जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां उपचार न मिलने की वजह से एक सिपाही की पत्नी और नवजात बच्चे की मौत हो गई। दरअसल, सिपाही ने थाने में छुट्टी की अर्जी दी थी, लेकिन वो स्वीकार नहीं हुई। जिसकी वजह से पीड़ित सिपाही अपनी गर्भवती पत्नी को अस्पताल नहीं ले जा सका और दोनों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, सिपाही विकास वर्तमान में थाना रामपुरा में तैनात था।

प्रसव अच्छी जगह कराने के लिए मांग रहा था छुट्टी

जानकारी के अनुसार, लगभग एक सप्ताह से पीड़ित सिपाही एसओ अर्जुन सिंह से अपनी गर्भवती पत्नी का प्रसव कराने का हवाला देकर छुट्टी की अर्जी लगा रहा था। एसओ ने सिपाही की छुट्टी स्वीकृत नहीं की। जिसके चलते पीड़ित सिपाही अपनी पत्नी को समय पर उचित उपचार नहीं दिला सका। समय से इलाज न मिलने की वजह से गर्भवती महिला व नवजात दोनों की मृत्यु हो गई। सिपाही ने अनुसार वो बीते कई दिनों से थानाध्यक्ष से अपनी गर्भवती पत्नी का प्रसव अच्छी जगह कराने के लिए छुट्टी मांग रहा था। लेकिन रामपुरा थानाध्यक्ष ने सिपाही की एक भी बात नहीं सुनी और छुट्टी देने से साफ मना कर दिया।

गर्भवती को आगरा के लिए रेफर कर दिया

बीते शुक्रवार को सिपाही की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद परिवार के लोग उसे गांव के ही अस्पताल में भर्ती कराया। यहां से उसे जिला अस्पताल मैनपुरी रेफर कर दिया गया। मैनपुरी से गर्भवती को आगरा के लिए रेफर कर दिया। आगरा की तरफ जाते समय रास्ते में जच्चा व बच्चा दोनों की मौत हो गई।

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया


इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। लोगों ने मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लिखा कि बाइट अच्छा है, लेकिन उसके परिवार का क्या ?

मामले को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक जालौन का बयान


बता दें, सिपाही विकास के द्वारा एसओ रामपुरा अर्जुन सिंह के इस रवैये की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की जा चुकी है। इसको लेकर अपर पुलिस अधीक्षक जालौन ने बयान देते हुए कहा कि रामपुरा थाना प्रभारी द्वारा सिपाही के अवकाश प्रार्थना-पत्र को उच्चाधिकारियों को अग्रसारित नही करने के मामले में विभागीय जांच के आदेश दिये गए थे, जिसमें थानाध्यक्ष दोषी पाए गए हैं। थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये गए हैं।

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