सावन का पहला सोमवार : यूपी बम-बम बोल रहा है , भक्तों के लिए बिछाई गई रेड कार्पेट
लखनऊ /वाराणसी: सावन के पहले सोमवार के दिन भक्तों की भीड़ शिवालयों में दर्शन के लिए उमड़ पड़ी है।
लख्नउ के मनकामेश्वर मंदिर काशी में बाबा विश्वनाथ गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर और कानपुर में सुप्रसिद्ध प्राचीन आनंदेश्वर मंदिर में भोर से भक्त कतारों में खड़े हो कर भोलेनाथ् के दर्शन पा रहें है।
वाराणसी में कांवड़ियों की नाचती-झूमती टोली। रिमझिम फुहारों के बीच हर ओर हर-हर महादेव के नारे। आस्था में डूबे हुए भक्त और मंदिरों के बाहर लगी लंबी लाइऩ। काशी के कोने-कोने में आज यही तस्वीर दिखाई पड़ रही है। सावन के पहले सोमवार पर भोलेनाथ की नगरी आस्था में डूब चुकी है। देवालयों में सुबह से ही जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ जमी हुई है। खासतौर से द्वादश ज्योतिर्लिंगो में से एक बाबा विश्वनाथ के मंदिर में रविवार की रात से ही भक्त जमा है। मंदिर से लगभग डेढ़ किमी दूरी तक भक्तों की लाइन लगी है।
काशी पहुंचने वाले भक्तों को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके पूरे इंतजाम किए गए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर भक्तों के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई है। भक्त गंगा में स्नान करने के बाद जल के साथ मंदिरों में दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। गंगा घाट पर भी बैरिकेडिंग की गई है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना हो। वैसे तो शिव की अराधना आज के दिन पूरी दुनिया में होती है लेकिन विशेश्वर की प्रिय नगरी में उनका दर्शन निश्चित ही सौभाग्य की बात है । बाबा विश्वनाथ पर पवित्र गंगा जल चढाने मात्र से भक्तों को जन्म जन्मान्तर के सुख की प्राप्ति होती है। काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा शहर के दूसरे मंदिरों में भी जलाभिषेक का दौर जारी है। मार्ककण्डेय जी मंदिर, सारंगनाथ मंदिर, सारंग तालाब, शिवपुर स्थित देवालाय सहित शहर के प्रमुख मंदिरों में लोग पूजन अर्चन कर रहे हैं। सावन के मद्देनजर मंदिरों को आकर्षक रुप दिया गया है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस, पीएसी और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के साथ ही एटीएस के कमांडो ड्यूटी प्वाइंट पर तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही चौक, दशाश्वमेध और कोतवाली थाना क्षेत्र में खुफिया इकाइयों के जवानों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया है। कावड़ यात्र की सुरक्षा और कावड़ियों की सुविधा के लिए वाराणसी जिला प्रशासन की तरफ से चाक चौबंद व्यवस्था की गयी है। चारों तरफ सिविल पुलिस, पीएसी, आरएएफ के जवान के साथ साथ स्पेशल कमांडो और पैरामिलेट्री फ़ोर्स के जिम्मे सुरक्षा व्यवस्था है। जिले के डीएम और एसएसपी खुद नजर बनाए हुए हैं। प्रमुख स्थलों की सीसीटीवी के जरिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
गोरखपुर
सावन के पहले सोमवार में शिवालों में उमड़ी भीड़
ऐसी मान्यता है कि यह सोमवार बड़ा ही फलदाई है ।जिसको लेकर शिवभक्त मौसम की परवाह किए बगैर भगवान भोले की आराधना में लगे हुए हैं। वहीँ पुलिस होमगार्ड और महिला जवान मंदिर परिसर में तैनात हैं जो श्रद्धालुओं को पूजा पाठ करने में मदद कर रहे हैं
गोरखनाथ स्थित मानसरोवर मंदिर पर सावन के पहले सोमवार के दिन मूसलाधार बारिश में शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिली।राजा मान सिंह द्वारा निर्मित मंदिर की ऐसी मान्यता है कि भगवान भोले स्वभु के रूप में प्रकट हुए थे। हजारो साल पुराना यह मंदिर जिसको राजा दशरथ और गुरु गोरक्षनाथ इस मंदिर पर पूजा आराधना कर चुके हैं । यहां पर सैकड़ों वर्षो से पूजा आराधना की जा रही है और ऐसी मान्यता है इस मंदिर की यहां पर यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता।
गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में विराजमान सभी पीठाधीश्वर इस मंदिर की पूजा आराधना करते हैं।
वही मानसरोवर मंदिर के मुख्य पुजारी योगी प्रेम नाथ ने बताया कि यह मंदिर राजा मान सिंह द्वारा बनाया गया था। राजा दशरथ अपने चारों पुत्र और पुत्र वधुओ को साथ लेकर इस मंदिर पर पूजा अर्चना की थी।इस मंदिर से गुरु गोरक्षनाथ का भी गहरा रिश्ता है। यहां पर गुरु गोरखनाथ जब ज्वाला देवी का भ्रमण कर गोरखपुर आए तो इस मंदिर में एक रात गुजारे थे। यह भक्तो की मनोकामनाए पूर्ण होती है।
कानपुर
सुप्रसिद्ध प्राचीन आनंदेश्वर मंदिर
गंगा नदी के किनारे बने सुप्रसिद्ध प्राचीन आनंदेश्वर मंदिर में रविवार रात से भक्तों की लम्बी कतारे लगी है। चारों तरफ बम-बम भोले के जयकारों की आवाज कई किलो मीटर तक सुनी जा सकती है। बस बाबा शिव की एक झकल पाने के लिए भक्त बेताब है। दूध ,बेल पत्ती और गंगा जल से बाबा का अभिषेक किया जा रहा है। पूरे परिसर में लगभग तीन दर्जन से अधिक सीसी टीवी कैमरे लगाये गए है।
रविवार शाम को तेज हवाओ के साथ शुरू हुई बारिश रुकने का नाम नही ले रही है।बारिश होने के बाद भी भक्त दर्शन के लिए लाइन पर लगे है।आनंदेश्वर मंदिर अपने आपने आप में महाभारत काल का इतिहास समेटे है।