बहराइच: नेपाली नदियों के उफान और बाढ़ का अनुमान न होने का खामियाजा बहराइच को भुगतना पड़ता है, जहां हर साल हजारों लोग बेघर हो जाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्थान के सहयोग से नानपारा में बाढ़ सूचना यंत्र स्थापित किया गया है। इससे 24 घंटे नेपाली नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा सकेगी।
बाढ़ की पूर्व सूचना
-सिस्टम लगने के बाद बाढ़ की पूर्व सूचना मिल सकेगी और लोगों को समय से अलर्ट किया जा सकेगा।
-तराई में घाघरा, सरयू और राप्ती नदी हर साल तबाही का सबब बनती रही हैं।
-नेपाली नदियों से बिना सूचना भारी मात्रा में पानी छोड़ने से अचानक भारी तबाही आ जाती है।
-इस समस्या के निदान के लिए शनिवार को नानपारा में बाढ़ कंट्रोल रूम में सूचना यंत्र स्थापित हुआ।
समय रहते तैयारी
-इस संयंत्र में लगे ऑटोमैटिक बब्लर सिस्टम के जरिए भारतीय घाघरा, सरयू, राप्ती और नेपाल की कर्णाली और बबई नदियों के जलस्तर का तत्काल पता चल सकेगा।
-समय से मिलने वाली सूचना की सहायता से न सिर्फ लोगों को अलर्ट किया जा सकेगा, बल्कि राहत और बचाव की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी।
-उपजिलाधिकारी अमिताभ यादव ने बताया कि नेपाली नदियों का पानी भारतीय क्षेत्र में आने में 10 घंटे का समय लगता है। इस अवधि में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है।
हूटर देगा जानकारी
-एसडीएम ने बताया कि बैराज और तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को अलर्ट करने के लिए पहले से ही हूटर लगे हुए हैं, जिन्हें सूचना प्रणाली से जोड़ा गया है।
-खतरे की स्थिति में सायरन अपने आप बजने लगेगा। इस हूटर की आवाज से 2 किलोमीटर की अवधि के ग्रामीण समय रहते अलर्ट हो सकेंगे।