Flood in UP: गंगा और प्रमुख नदियां उफनायीं, पीएम मोदी ने जताई चिंता, बाढ़पीड़ितों की त्वरित मदद का निर्देश
Flood in UP:
Flood in UP: काशी में गंगा के रौद्र रूप धारण कर लेने से गंगा घाटों के इर्द-गिर्द रहने वालों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। वरुणा किनारे बने घरों में पानी घुस जाने के कारण लोगों का संकट काफी बढ़ गया है। लोग बाढ़ राहत शिविरों में जाने और घरों की छतों पर तिरपाल लगाकर ठिकाना बनाने को मजबूर हो गए हैं। काशी में गुरुवार को गंगा ने चेतावनी बिंदु पार कर लिया और अब गंगा का जलस्तर लाल निशान की ओर बढ़ रहा है। ऐसे मुश्किल हालात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र की सुध ली है। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को काशी में बाढ़ के हालात पर मंडलायुक्त से बातचीत की। उन्होंने लोगों की दिक्कतें बढ़ने पर चिंता जताई और बाढ़ के पानी में घिरे लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया।
गंगा का जलस्तर अब लाल निशान की ओर
केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। गुरुवार को रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.50 मीटर पर पहुंच गया। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। इस तरह गुरुवार को रात आठ बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से करीब 24 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है और अब गंगा का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। गुरुवार को रात आठ बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से महज 76 सेंटीमीटर नीचे था। गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव के कारण गंगा से सटे निचले इलाकों और कॉलोनियों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। गुरुवार की शाम गंगा का पानी दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियों को डुबोने के बाद अब सड़क तक पहुंच गया है। बुधवार को ही गंगा का पानी अस्सी घाट के बगल की सड़क पर पहुंच चुका था। सड़क और गलियों के रास्ते अब पानी शहरी आबादी की मुसीबतें बढ़ाने लगा है।
वरुणा किनारे रहने वालों का संकट बढ़ा
गंगा का जलस्तर काफी बढ़ जाने के कारण सहायक नदी वरुणा में भी पलट प्रवाह का असर दिख रहा है। वरुणा नदी ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है और वरुणा पार इलाके की कई कालोनियों में पानी घुस गया है। इस कारण लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। नक्खीघाट, सरैया, दीनदयालपुर, हुकुलगंज, बघवानाला अमरपुर मढ़िया आदि इलाकों में वरुणा किनारे रहने वाले लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। बाढ़ का पानी अचानक बढ़ने के कारण इन क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोग मुसीबत में घिर गए हैं। क्षेत्रीय लोगों की शिकायत है कि जिला प्रशासन की ओर से लोगों को बाहर निकालने के लिए नावों और मोटरबोट की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। जिला प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 11 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। इन शिविरों में करीब 280 परिवारों ने शरण ले रखी है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों का कहना है कि काम-धंधा पूरी तरह बंद हो जाने के कारण उनके सामने दाल-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है।
पीएम मोदी ने की मंडलायुक्त से बात
इस बीच प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने गुरुवार को मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से बातचीत करके शहर के हालात की जानकारी ली। उन्होंने मंडलायुक्त को निर्देश दिया है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को हर संभव मदद त्वरित गति से पहुंचाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष सहायता की जरूरत महसूस हो तो इस बाबत उन्हें सीधे जानकारी दी जाए। मंडलायुक्त ने प्रधानमंत्री को बाढ़ग्रस्त लोगों को राहत पहुंचाने के लिए की गई प्रशासनिक तैयारियों के संबंध में जानकारी दी।
नहरों में पानी डालने वाली मशीन बह गई
कानपुर देहात लगातार बढ़ रहे यमुना नदी के जलस्तर की वजह से नहरों में पानी डालने वाली मशीन बह गई। स्थानीय लोगों ने उप जिलाधिकारी को दी सूचना। बताते चलें की कानपुर देहात के अमर आहट कैनाल पंप में चल रही पुरानी मशीनों से अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों की नहरों में पानी दिया जाता है। इस बार यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ चुका है जिसकी वजह से पंप की मशीन टूटी और वहां से बह निकली। स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया और इस बात की सूचना किसानों के द्वारा उप जिलाधिकारी डॉ पूनम गौतम को दी गई। जिसके बाद वह बहता बहता महेशपुर गांव पहुंचा। वही उप जिलाधिकारी डॉ पूनम गौतम ने बताया कैनाल पंप मशीनों के बह जाने की सूचना मिलने पर नहर विभाग के कर्मचारियों को सूचित कर वहां भिजवाया गया है। अब मशीनों को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु मशीन है लगातार बहती जा रही है और जैसल पुर से स्थानीय लोगों ने निकलते हुए देखा और फिर से उसका वीडियो बनाया। जलस्तर बढ़ने से जहां किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और पानी से रह चुकी हैं तो वहीं दूसरी ओर पंप की मशीनें बह जाने से अब किसानों को नहर में पानी मिलने से भी परेशानी होगी। इस बात की आशंका किसानों के द्वारा जताई जा रही है।
हमीरपुर में यमुना व बेतवा उफान पर
हमीरपुर से रवीन्द्र सिंह रिंकू के अनुसार जिले में यमुना और बेतवा दोनों नदियां उफान पर है, नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर चल रहा है, बाढ़ से शहर सहित गांव की बस्तियां और खेती पानी में डूब रही है, दोनों नदियों में लगभग 15 लाख क्यूसेक पानी बांधों से छोड़ा गया है जिससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, बांध से छोड़े गए पानी से दोनों नदियों का जलस्तर चेतावनी लेवल पारकर खतरे के निशान से ऊपर हो जाएगा जिससे सैकड़ों बीघा खेती और दो दर्जन गांव प्रभावित होंगे।
यूपी के हमीरपुर जिले में दो बड़ी नदियां है जो बाढ़ के समय जिले में बड़ा प्रभाव डालते हैं, बेतवा नदी में माताटीला बांध से 3.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है तो वहीं धौलपुर बांध से यमुना नदी में 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, बाढ़ से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा राहत कार्य शुरू कर दिए गए, तो वही बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि उन्हें प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं दी जा रही है नाही पानी आने के लिए पहले अलर्ट किया गया था,
बाढ़ आती देख प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने अपना सामान ऊंचे स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिया है गांव सहित शहर की निचली बस्तियों में भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए राजकीय डिग्री कॉलेज में बाढ़ कैंप बनाया गया है, जिसमें आए हुए लोगों को बाढ़ संबंधी राहत दी जाएगी, लेकिन वहीं दूसरी ओर प्रशासन को बाढ़ पीड़ित कोसते नजर आ रहे हैं ,पीीड़ित नाम के ऊपर खाना बनाने को मजबूर है तो कोई अपने पिछले मुआवजे के लिए परेशान है बाढ़ पीड़ितों की माने तो जानवरों का चारा डूब चुका है और वह बेघर हो गए हैं।