वाराणसी/लखनऊः यूपी के तमाम जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। वाराणसी में गंगा अभी भी खतरे के निशान 71.26 मीटर से ऊपर बह रही है। हालांकि इसका स्तर 72.56 मीटर पर स्थिर है। बीते एक हफ्ते से शहर के तमाम इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इससे लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट पर शवों के अंतिम संस्कार में भी परेशानी हो रही है।
आठ दिन बाद पहुंची मदद
वाराणसी में गंगा में आए उफान की वजह से शहर में 20 हजार से ज्यादा परिवारों के सामने समस्याएं हैं। प्रशासन दावा कर रहा है कि हर तरफ राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है, लेकिन बुधवार को कुछ डॉक्टर और व्यापारी रमना गांव के बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री लेकर पहुंचे, तो लोग उन पर टूट पड़े। लोगों का कहना था कि बीते आठ दिन से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। गांव वालों ने बताया कि उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया।
बीमार भी पड़ रहे हैं लोग
बाढ़ से प्रभावित काशी के तमाम इलाकों में लोग बीमार भी पड़ रहे हैं। पानी भरा होने की वजह से उल्टी, दस्त, डायरिया वगैरा लोगों में देखा जा रहा है। साथ ही डॉक्टरों को डेंगू और मलेरिया फैलने की आशंका भी है। तमाम डॉक्टरों ने बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर दवाइयां बांटी हैं, लेकिन प्रशासन की मदद के बिना ये ऊंट के मुंह में जीरे जैसी ही है।
प्रशासन ने क्या किया है दावा?
प्रशासन के मुताबिक 18 जगह राहत शिविर लगाए गए हैं। 95 नाव चलाई जा रही हैं। मुफ्त पानी का टैंकर भेजने का निर्देश दिया गया है। साथ ही प्रशासन ने कंट्रोल रूम का नंबर 0542-2502562 और नोडल अफसर एडीएम विन्ध्यवासिनी राय का मोबाइल नंबर 9454417030 भी जारी किया है।
यूपी के अन्य जिलों में क्या है हालत?
गंगा की लहरों से बलिया का दुबे छपरा रिंग बंधा कटना शुरू हो गया। इससे तमाम गांव में लोग डर से पलायन कर रहे हैं। इलाहाबाद में भी यमुना और गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। जिले के 202 गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है। यहां भी तमाम इलाके पानी के नीचे हैं। हजारों एकड़ फसल चौपट हो चुकी है। घाघरा, राप्ती, शारदा, सरयू, वरुणा और सहायक नदियों का पानी गांवों में फैल गया है। चंदौली, भदोही, गाजीपुर और मीरजापुर में हालात गंभीर हैं।
बुंदेलखंड में बाढ़ से थोड़ी राहत
बुंदेलखंड के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा में बाढ़ पहले से कम है। बांदा में केन नदी का पानी कम हुआ है। यमुना हालांकि खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर है। चित्रकूट में यमुना का स्तर बुधवार को कम हुआ। बांदा और चित्रकूट के बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीम चौकसी बरत रही है।