पूर्व प्रधान की गोली मारकर हत्या, पुलिस देती रही पहरा, ताबड़तोड़ फायरिंग से दहशत

देहात कोतवाली क्षेत्र के बेलहरा मोड़ के पास बाइक सवार बदमाशों ने पूर्व प्रधान को गोली मार दिया, जिससे क्षेत्र में हड़कम्प मच गया। घटना में पूर्व प्रधान गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के सम्बंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व प्रधान राजेश यादव पुत्र जोखू यादव उम्र 42 वर्ष जिनका ढाबा बीएचयू साउथ कैम्पस के ठीक सामने है। 

Update: 2020-11-20 17:47 GMT
पूर्व प्रधान को गोली मारकर हत्या, पुलिस देती रही पहरा, ताबड़तोड़ फायरिंग से दहशत

मीरजापुर: देहात कोतवाली क्षेत्र के बेलहरा मोड़ के पास बाइक सवार बदमाशों ने पूर्व प्रधान को गोली मार दिया, जिससे क्षेत्र में हड़कम्प मच गया। घटना में पूर्व प्रधान गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के सम्बंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व प्रधान राजेश यादव पुत्र जोखू यादव उम्र 42 वर्ष जिनका ढाबा बीएचयू साउथ कैम्पस के ठीक सामने है।

शुक्रवार की रात्रि लगभग आठ बजे राजेश यादव सकती स्कूटी से अपने घर वापस जा रहे थे, जहां बेलहरा मोड़ के पास किसी कारण से रुके हुए थे। इसी बीच पहले से घात लगाए अज्ञात बदमाशों ने राजेश यादव के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दिए जिसमे राजेश यादव बुरी तरह गंभीर रूप से घायल हो गए, घायल राजेश यादव को मण्डलीय अस्पताल लाया गया , जहां पर डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद ट्रामा सेंटर वाराणसी के लिए रेफर किया। लेकिन ट्रामा सेन्टर वाराणसी में उपचार के दौरान उनकी मौत हो हुई।

बरकछा पहाड़ी बना डेंजर जोन

कोतवाली देहात के बरकछा चौकी के बेलहरा से लेकर बीएचयू तक डेंजर जोन में तब्दील हो गया है। आये दिन किसी न किसी व्यक्ति के ऊपर गोलियां बरकछा पहाड़ी वाले इलाके में ही क्यो दागी जाती है। जबकि पुलिस ने घाटी के निचे उतरने पर पुलिस की टीम गस्त में लगी रहती है। लेकिन पुलिस घाटी के नीचे रहती है तो वारदात का स्थान सुनसान देख बदमाश आये दिन देते है घटना को अंजाम वही पुलिस घटना हो घटित हो जाने के बाद अग्रिम कार्यवाही के लिए पहुच जाती है।

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कैसे होगी BHU के छात्रों की सुरक्षा

देहात कोतवाली क्षेत्र के बरकछा पहाड़ी पर स्थित बीएचयू साउथ कैम्पस जिसमे हजारों की संख्या में छात्र-छात्राए पढ़ने लिए हजारों किलोमीटर दूर से आते है। लेकिन कैम्पस घाटी के ऊपर बसे जंगल के बीच मे है। जहाँ पर आए दिन हत्या लूट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। वही दूसरी तरफ आपराधिक घटनाओं को देखते हुए पुलिस घाटी के नीचे तीन सिपाहियों की ड्यूटी लगा देती है। वही कैम्पस के आस पास पिआरवी वाहन कभी कभार देखने को मिल जाता है। बरकछा घाटी अपराधियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। वही पुलिस घटना घटित होने के बाद पहुचती है।

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बृजेन्द्र दुबे

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