अरविंद शर्मा पर भाजपा लगाएगी दांव, प्रदेश नेतृत्व में भी परिवर्तन के आसार
अटकलों पर लगेगा विराम जल्द अरविंद शर्मा को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जायेगा।
लखनऊ: पूर्व आईएएस अफ़सर व प्रधानमंत्री के भरोसेमंद विधान परिषद सदस्य अरविंद कुमार शर्मा को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगने वाला है। अरविंद शर्मा सत्ता के समानांतर केंद्र होंगे। उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कभी योगी जी के भरोसेमंद अमित शाह भी हाल फ़िलहाल पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। मंत्रिमंडल के इस रद्दोबदल में दो ब्राह्मण व एक दलित नेता को महत्वपूर्ण जगह मिलना तय है। ब्रजेश पाठक भाजपा के भरोसेमंद चेहरों में शुमार होंगे। भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष पद पर भी जल्द ही बदलाव होगा। हालाँकि मंत्रिमंडल में फेरबदल की सूची को देर रात तक दिल्ली में अंतिम रूप नहीं दिया सका। पर इस माह के ख़त्म होने से पहले बदलाव पूरे हो जाने हैं।
भाजपा के संगठन व सरकार में किये जा रहे इस बदलाव को अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनज़र देखा जाना चाहिए । हाईकमान ने इसी के मद्देनज़र व्यापक बदलाव को अंतिम रूप दे रखा है। इस बदलाव के प्रारूप में नौकरशाही पर पकड़ मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी अरविंद शर्मा के हवाले होगी। वह उपमुख्यमंत्री बनायें जायेंगे। राज्य में उप मुख्यमंत्रियों की तादाद में इज़ाफ़ा नहीं होगा। राज्य सरकार के कामकाज से व्यापारी व ब्राह्मणों में नाराज़गी को दूर करने के लिए इन समाज के नेताओं को खासी तवज्जों दी जायेगी। अरविंद शर्मा को भी हाईकमान ब्राह्मण कोटे में ही रख रहा है।
इन नामों पर हुआ विचार
मंत्रीमंडल में फेरबदल जिन नामों पर विचार किया गया है। उनमें हाल में विवाद में आये बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी , सिद्धार्थ नाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह , सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, नंद गोपाल नंदी, महेंद्र सिंह, स्वाति सिंह , सतीश महाना, ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा के नाम प्रमुख हैं। पर इनमें किसे मिलेगी सौग़ात, किसकी होगी छुट्टी यह तय नहीं होने की वजह से आज मुख्यमंत्री आदित्य नाथ की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाक़ात शिष्टाचार भेंट व कोविड पर चर्चा के साथ ही समाप्त हो गयी।