Moradabad: धोखाधड़ी के मामले में पूर्व MLA हाजी इकराम कुरैशी को 7 साल की जेल, दूसरा आरोपी दोष मुक्त
Moradabad news: धोखाधड़ी के मामले में पूर्व विधायक इकराम कुरैशी को 7 साल की जेल हुई है। वहीं, दूसरे आरोपी को दोष मुक्त किया गया है। कुरैशी अभी कांग्रेस पार्टी में हैं।
Moradabad News: मुरादाबाद देहात विधानसभा (Moradabad Rural Assembly) के पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी (Haji Ikram Qureshi) को अदालत ने धोखाधड़ी और गबन मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने पूर्व विधायक हाजी इकराम को 7 साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, 8 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में दूसरे आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त करार दिया गया। बता दें, हाजी इकराम कुरैशी इस वक्त कांग्रेस में हैं। वो कांग्रेस की टिकट पर जिले की देहात विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं।
दो दशक से भी ज्यादा पुराने मामले में बुधवार (30 नवम्बर) को एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को सात साल की सजा सुनाई है। अदालत ने पूर्व विधायक को ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजने के आदेश दिए हैं। विधायक के परिवार ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर करने का फैसला लिया है।
कौन हैं हाजी इकराम कुरैशी?
हाजी इकराम कुरैशी तीन बार समाजवादी पार्टी से विधायक रह चुके हैं। सपा सरकार में वो दर्जा प्राप्त मंत्री रहे थे। इसी साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में सपा ने उनका टिकट काट दिया था। जिसके बाद वो कांग्रेस के टिकट से मुरादाबाद देहात सीट से प्रत्याशी बने। लेकिन वो चुनाव हार गए। पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी की गिनती दबंग विधायकों में होती रही है।
क्या था मामला?
पूर्व मंत्री हाजी इकराम कुरैशी पर बिजली चोरी के आरोप लगे थे। इसी मामले में एसीजेएम-4 कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा और 8 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। हाजी इकराम के खिलाफ 2 जून 2000 को बिजली विभाग ने फर्जी रसीद बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि हाजी इकराम कुरैशी के ऊपर बिजली बिल करीब 6 लाख 88 हजार 54 रुपये था। हाजी इकराम और विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा ने मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बना ली। एमपी एमएलए विशेष कोर्ट (MP MLA Special Court) की न्यायधीश स्मिता गोस्वामी ने इस मामले में हाजी इकराम कुरैशी को सजा सुनाई है।
SSO राम अवतार दोषमुक्त
विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि, बुधवार देर शाम इस मुकदमे का फैसला अदालत ने सुनाया। जिसमें विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया और पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा के साथ आठ हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया है। सुबह से देर शाम तक पूर्व मंत्री हाजी इकराम न्यायिक अभिरक्षा में थे। अदालत के आदेश के बाद उन्हें जेल भेजा गया है। वह बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और हाथ के निशान पर चुनाव भी लड़ा था। हाजी इकराम 2017 के चुनाव में मुरादाबाद देहात सीट से विधायक चुने गए थे।
पुलिस-पत्रकारों के बीच आंख मिचौली का खेल
हाजी इकराम कुरैशी को पुलिस अभिरक्षा से जेल ले जाने के समय मीडिया का जमावड़ा अदालत के बाहर लग गया। लेकिन, पुलिस ने इस बार हाजी इकराम को अदालत से बाहर निकाला, तो पत्रकार फिर सक्रिय हो गए। तब अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस ने मीडिया को धोखा देते हुए हाजी इकराम को जेल भेज दिया। दूसरी तरफ, मीडिया इंतजार ही करती रही।