Moradabad: पूर्व MLA हाजी इकराम ने 22 साल पहले फर्जी रसीद से किया था 'बड़ा खेल', विशेष लोक अभियोजक ने पहुंचाया जेल

Moradabad: पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को 22 साल पुराने एक मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है। दरअसल, उन्होंने बिजली के फर्जी बिल बनाकर धोखाधड़ी की थी।

Report :  Sudhir Goyal
Update: 2022-12-01 08:25 GMT

 विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल बिश्नोई

Moradabad News: मुरादाबाद देहात विधानसभा (Moradabad Rural Assembly) के पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी (Haji Ikram Qureshi) को अदालत ने धोखाधड़ी और गबन मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें 7 साल कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, 8 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। दूसरे आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त किया गया। हाजी इकराम को इस दो दशक पुराने मामले में सजा दिलाने में मुख्य भूमिका विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) मोहन लाल बिश्नोई की रही। newstrack.com ने इस संबंध में उनसे संक्षिप्त बातचीत की। 

बता दें, हाजी इकराम कुरैशी इस वक्त कांग्रेस में हैं। वो कांग्रेस की टिकट पर जिले की देहात विधानसभा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हाजी इकराम को जिस मामले में सजा सुनाई गई है वो दो दशक से भी अधिक वक्त पुराना है। इस मामले में बुधवार (30 नवम्बर) को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को 7 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने पूर्व विधायक को ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजने के आदेश दिए हैं। विधायक के परिवार ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर करने का फैसला लिया है।

बिजली विभाग में फर्जी रसीद लगाई थी 

newstrack.com से विशेष बात करते हुए विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल बिश्नोई (Special Public Prosecutor Mohan Lal Bishnoi) ने बताया कि, 'बिजली विभाग तीन रसीद देता है। पहली उपभोक्ता की, दूसरी स्थानीय विभाग की तथा तीसरी रिकार्ड की। इस मामले में पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी ने किसी तरह दूसरी रसीद निकालकर फर्जी रसीद लगा दी थी। साल 2000 में पूर्व विधायक पर इसी संबंध में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। बुधवार को सुनवाई के बाद उनकी सजा का ऐलान किया गया है।'

विधायक रहते किया था 'खेल' 

मोहन लाल बिश्नोई ने बताया, 'पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी ने अपने कार्यकाल में बिजली के बिल जमा करने संबंधी फर्जी रसीद उस वक्त पेश की थी। जिसके आधार पर उन पर साल 2000 में थाना गलशहीद में मुकदमा दर्ज किया गया था। अपराध संख्या- 236 में हाजी इकराम कुरैशी के खिलाफ धारा- 420, 467, 468, 471 में केस दर्ज हुआ था। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बिजली चोरी के इसी मामले में 7 साल कैद की सजा सुनाई है।'

क्या था मामला?

पूर्व मंत्री हाजी इकराम कुरैशी पर बिजली चोरी के आरोप लगे थे। दरअसल, हाजी इकराम के खिलाफ 2 जून 2000 को बिजली विभाग ने फर्जी रसीद बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि हाजी इकराम कुरैशी के ऊपर बिजली बिल करीब 6 लाख 88 हजार 54 रुपये था। हाजी इकराम और विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा ने मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बना ली। एमपी एमएलए विशेष कोर्ट (MP MLA Special Court) की न्यायधीश स्मिता गोस्वामी ने इस मामले में हाजी इकराम कुरैशी को सजा सुनाई।  

SSO राम अवतार दोषमुक्त

विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि, बुधवार देर शाम इस मुकदमे का फैसला अदालत ने सुनाया। जिसमें विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया और पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा के साथ आठ हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया है। सुबह से देर शाम तक पूर्व मंत्री हाजी इकराम न्यायिक अभिरक्षा में थे। अदालत के आदेश के बाद उन्हें जेल भेजा गया है। वह बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और हाथ के निशान पर चुनाव भी लड़ा था। हाजी इकराम 2017 के चुनाव में मुरादाबाद देहात सीट से विधायक चुने गए थे।

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