Ganga Pushkar Mahakumbh: काशी में 12 साल बाद गंगा पुष्कर महाकुंभ,लाखों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान,पीएम मोदी 29 को करेंगे संबोधित

Ganga Pushkar Mahakumbh: काशी में दक्षिण भारतीय समुदाय के गंगा पुष्कर महाकुंभ की शुरुआत हो गई है। काशी में गंगा पुष्करालु (गंगा पुष्कर महाकुंभ) के दौरान लाखों लोग गंगा में पवित्र स्नान करने और विभिन्न अनुष्ठानों में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं।

Update:2023-04-26 16:20 IST
काशी में गंगा पुष्कर महाकुंभ का 12 वर्षों बात शुरू हुआ आयोजन (फ़ोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: काशी में दक्षिण भारतीय समुदाय के गंगा पुष्कर महाकुंभ की शुरुआत हो गई है। काशी में गंगा पुष्करालु (गंगा पुष्कर महाकुंभ) के दौरान लाखों लोग गंगा में पवित्र स्नान करने और विभिन्न अनुष्ठानों में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। काशी में 12 साल बाद गंगा पुष्कर महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने बताया कि 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल ढंग से काफी तेलुगु समिति के सदस्यों और भक्तों को संबोधित करेंगे।

21वीं सदी काशी में हो रहे दूसरे पुष्करालु आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में जमकर उत्साह दिख रहा है। 12 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ में करीब 12 लाख श्रद्धालुओं के पिंडदान करने का अनुमान है। पुष्करालु पार्थिव लिंग, पिंडदान और दर्शन पूजन का यह सिलसिला 3 मई तक चलेगा। बुधवार को दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पिंडदान करने की उम्मीद है। चेन्नई और हैदराबाद से आए तीर्थ पुरोहित श्रद्धालुओं को पिंडदान करा रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छह स्पेशल ट्रेनें भी चलाई गई हैं।

विभिन्न घाटों पर पूजन में जुटे श्रद्धालु

गंगा पुष्कर महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल से काफी संख्या में श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला अभी भी जारी है क्योंकि यह आयोजन 3 मई तक चलने वाला है। 12 साल बाद हो रहे इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले काफी श्रद्धालुओं ने केदार घाट पर बसेरा बना रखा है। श्रद्धालुओं ने कर्मकांड कर अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म करने से पहले मां गंगा का पूजन करके आशीर्वाद मांगा।

आयोजन से जुड़े लोगों ने बताया कि काशी में गंगा के घाटों पर आने वाले लाखों श्रद्धालु पार्थिव शिवलिंग की स्थापना करने के साथ ही रुद्राभिषेक, रुद्री पाठ और पूजन की अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने में जुटे हुए हैं। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि काशी में केदार घाट, हनुमान घाट, मानसरोवर घाट, पंचगंगा घाट, मणिकर्णिका घाट और दशाश्वमेध घाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है। अनुष्ठान का काम पूरा करने के बाद श्रद्धालु काशी विश्वनाथ सहित काशी के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन पूजन करने में भी जुटे हुए हैं।

पीएम मोदी 29 को करेंगे संबोधित

राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव ने बताया कि तेलुगु से जुड़े आश्रम और धर्मशालाओं के संगठन श्री काशी तेलुगु समिति की ओर से संगमम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंगा के मानसरोवर घाट पर होने वाले एकदिवसीय कार्यक्रम मेंइस पवित्र शहर और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच प्राचीन संबंधों को उजागर किया जाएगा।

इस आयोजन को दक्षिणी राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा की जड़ें मजबूत करने के पीएम मोदी के प्रयासों के हिस्से के रूप में भी देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी से सांसद हैं और वे 29 अप्रैल को अपने संसदीय क्षेत्र में आयोजित होने वाले काशी तेलुगु संगमम कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे।

आयोजन को सफल बनाने का प्रयास

काशी में हो रहे इस महत्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने के लिए काशी तेलुगु समिति की ओर से एक विशेष कमेटी का गठन भी किया गया है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी में कई अन्य महत्वपूर्ण लोगों को भी शामिल किया गया है।
कमेटी ने जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करके आयोजन को पूरी तरह सफल बनाने का खाका तैयार किया है। तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकांश घाटों पर तंबू भी लगाए गए हैं। महिला तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए अस्थायी चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं।

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