Jaunpur: गंगा संरक्षण समिति की बैठक में डीएम जौनपुर का शख्त आदेश, गंदगी को नदी में जाने से रोकें

Jaunpur News: जिलाधिकारी ने कहा कि हर स्तर पर साफ-सफाई का ध्यान देते हुए सुनिश्चित करें कि नदी के अन्दर किसी भी दशा में गंदा पानी न जाने पाये।

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Shreya
Update:2022-04-07 21:26 IST

गंगा संरक्षण समिति की बैठक (फोटो- न्यूजट्रैक)

Jaunpur News: जिला गंगा संरक्षण समिति (Ganga Rejuvenation Committee) के बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा (DM Manish Kumar Verma) ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि हर स्तर पर साफ-सफाई का ध्यान देते हुए सुनिश्चित करें कि नदी के अन्दर किसी भी दशा में गंदा पानी न जाने पाये। ग्रामीण स्तर पर भी नदी के किनारे वाले गांवों में भी नदी के अन्दर गंदगी रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाये। लापरवाही किसी भी दिशा में माफ नहीं होगी।

बैठक में प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग प्रवीन खरे ने जिला गंगा संरक्षण समिति के दायित्वों जैसे सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर/मॉनिटरिंग, नदी-सामने विकास, नदी-सतह की सफाई, जैव-विविधता, वनरोपण, जन जागरूकता, औद्योगिक बहिः स्राव निगरानी, गंगा ग्राम पर प्रकाश डाला गया तथा सम्बन्धित विभागो से अपने-अपने दायित्वों का समय से निर्वहन करने की अपेक्षा की गई। जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित सभी विभाग को उनसे सम्बन्धित कार्यो हेतु निर्देश दिये गये।

बैठक में नगर पालिका/नगर पालिक परिषद के अधिशासी अधिकारी व डी.पी.आर.ओ नदियों में गिरने वाले नालों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने ई0ओ0 नगरपालिका, जौनपुर को निर्देशित किया कि वे गोमती नदी के किनारों पर यथा उचित स्थल पर मोबाईल शौचालय रखवायें एवं स्थाई शौचालय बनवाने हेतु शीघ्र उचित कार्यवाही करें जिससे नदी के किनारे खुल में शौच करने वालों को रोका जा सके, प्रतिदिन इसकी मानीटरिंग की जाय कि नदी के किनारे किसी के द्वारा शौच इत्यादि गन्दगी न की जाय। तथा नदी के किनारे पर साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय एवं नियमित निरीक्षण व साफ-सफाई कराई जाय। पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्रीनबेल्ट विकसित करने के लिये पौधो का चयन कर नगरपालिका व वन विभाग शीघ्र निरीक्षण कर कार्यवाही करें।

रिवर फ्रन्ट की सफाई करें सुनिश्चित

नगर पालिका द्वारा अवगत कराया गया कि नदियों में जो विभिन्न नालों द्वारा पानी गिर रहे हैं, उसमें फाईटो रेमेण्डिऐशन द्वारा नालों का ट्रीटमेन्ट किया जा रहा है, इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि इसका निरीक्षण कर स्थिति का आकलन कर लें। रिवर फ्रन्ट की सफाई के लिये कार्यदायी संस्था से सम्पर्क कर सफाई कराना सुनिश्चित करें। सद्भावना से शाही पुल तक नगरपालिक, वन विभाग व अन्य एजेन्सी द्वारा करके वृक्षारोपण सफाई आदि कार्य कराया जाना सुनिश्चित करे। जिलाधिकारी ने जल निगम को शहर के नालो हेतु सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान तैयार कर कार्य पूर्ण करने के निर्देश गये। जल निगम द्वारा अवगत कराया गया कि सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट माह-जुलाई 2022 तक बनकर तैयार हो जायेगा तथा नालो के पानी का ट्रीटमेन्ट शुरू हो जायेगा।

जिलाधिकारी ने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिया कि नदियो के किनारे स्थित गांव जिसका गंदा पानी नदियो में न जाय उसकी कार्ययोजना तैयार कर वन विभाग को उपलब्ध कराये।लोक निर्माण विभाग सड़को पर उड़ रही धुल को रोकने की प्रभावी कार्यवाही करे तथा पौध रोपण हेतु अभी से स्थल चयन कर उसकी सूची वन विभाग को उपलब्ध कराये। प्रदूषण विभाग जनपद में हो रहे प्रदूषण हेतु दोषी विभाग/व्यक्तियों को नोटिस जारी करें।

वृक्षारोपण के लिए दिए गए ये निर्देश

मनरेगा आयुक्त द्वारा बताया गया कि मछलीशहर में चारागाह की काफी जमीन है, वहां वृक्षारोपण हेतु उचित प्रजाति का चयन कर वृक्षारोपण कराने से जनपद का वन क्षेत्र बढ़ सकता है। इस पर जिलाधिकारी द्वारा डीएफओ को इस पर शीघ्र निरीक्षण कर कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये।

पर्यावरणविद/असिस्टेन्ट प्रोफेसर असिस्टेन्ट प्रोफेसर, पूर्वांचल विश्वविद्यालय डॉ. सुधीर उपाध्याय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन देश के लोगों की आवश्यकताओं प्रौद्योगिकीय में उन्न्यन तथा लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और राष्ट्रीय संयुक्त संस्तुती की समृद्ध विरासत के संरक्षण के लिए विचार-विमर्श कर उचित निर्णय लेकर उसे अमल में लाने की आवश्कता पर बल दिया गया।

प्रदूषण विभाग के वीके श्रीवास्तव, उपायुक्त श्रम-रोजगार भूपेन्द्र कुमार, एस.एफ.आई. हरिश्चन्द यादव व अवधेश चन्द्र, ए.ई. पी.डब्ल्यू विभाग अमरेश प्रताप, ए.डी.पी.आर.ओ अरविन्द कुमार, ए.पी.ई.जल निगम योगेश तिवारी, असिस्टेन्ट प्रोफेसर पूर्वांचल विश्वविद्यालय डॉ. अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, असिस्टेन्ट इंजिनियर ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग पूजा रानी, चिकित्सा विभाग से डॉ. आनन्द, गंगा प्रदूषण नियन्त्रण ईकाई कुलदीप कुमार प्रजापति व ईओ मछलीशहर बृजकिशोर सिंह उपस्थित रहे।

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