Sonbhadra News: यूपी-एमपी सीमा से जुड़े डीजल तस्करी के सिंडीकेट पर लगेगा गैंगस्टर, होगी जांच

Sonbhadra News: पुलिस अब डीजल तस्करी से जुड़े रैकेट और इसमें शामिल विभिन्न सिंडीकेटों की भूमिका की गहन जांच शुरू कर दी है। जांच की एक रिपोर्ट जहां जिले के SP और STF को सौंपी गई है।

Update: 2022-09-03 17:02 GMT

Sonbhadra News: डीजल तस्करी (diesel smuggling) के सिंडीकेट के खुलासे और इसमें अब तक एनसीएल में टोटल फ्यूल मैंनेजमेंट का टेंडर लेने वाले ठेकेदार, मुख्य ट्रांसपोर्टर एवं पंप संचालक सहित 10 की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस अब डीजल तस्करी से जुड़े रैकेट और इसमें शामिल विभिन्न सिंडीकेटों की भूमिका की गहन जांच शुरू कर दी है।

इसको लेकर अब तक की हुई जांच की एक रिपोर्ट जहां जिले के एसपी और एसटीएफ मुख्यालय (STF Headquarters) को सौंपी गई है। वहीं, इसमें कितने पेट्रोल पंप संचालक, ट्रांसपोर्टर, टीएफएम से जुड़े कर्मी और एनसीएलकर्मी शामिल हैं, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। एसपी डा. यशवीर सिंह की तरफ से भी मामले की गहन जांच और इसमें गिरफ्तार किए गए लोगों को अलावा कौन-कौन शामिल हैं। कब से यह खेल चल रहा था, किसके-किसके द्वारा सहयोग-संरक्षण दिया जा रहा हे, इसकी विस्तृत जानकारी तलब कर ली गई है। गिरोह को पुलिस रिकर्ड में सूचीबद्ध करने को लेकर भी जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

पंप संचालकों की होगी जांच

बताते चलें कि एसटीएफ की टीम ने बृहस्पतिवार को दुदृधीचुआ में घेरबंदी कर, डीजल तस्करी (diesel smuggling) से जुड़े कथित गिरोह का खुलासा किया था। इसमें अब तक दो बड़े चेहरों के साथ ही, 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं अभी और भी कई पंप संचालकों द्वारा चोरी से बेचे जाने वाले डीजल के खरीद में शामिल होने की चर्चा है। एनसीएल में किस स्तर से इसको संरक्षण मिल रहा था, इसको लेकर भी चर्चाएं जारी हैं। उधर, एसपी डा. यशवीर सिंह ने बताया कि एनसीएल की खदानों में डीजल आपूर्ति के लिए टोटल फ्यूल मैनेजमेंट के तहत जिस व्यक्ति को टेंडर मिला हुआ है, उसने आने वाले टैंकर से बीच में पड़ने वाले कुछ पेट्रोल पंपों पर डीजल बेचा हुआ है।



एसटीएफ की टीम ने बृहस्पतिवार को छह लोगों को पकड़ा

इस तरीके के गैंग में एसटीएफ की टीम ने बृहस्पतिवार को छह लोगों को पकड़ा था। उसी के बाकी बचे हुए चार सदस्यों को, जिसमें इसका मुख्य सरगना शामिल है, को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसपी के मुताबिक सरगना सोनभद्र का ही रहने वाला यादव है। इसमें जो थाने, क्षेत्राधिकारी और एसटीएफ की रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक बीच में पड़ने वाले कुछ पेट्रोल पंपों से इनकी सांठगाठ है जिस पर बीच में चोरी से डीजल उतरवा लिया जाता है। एनसीएल में कम डीजल वाला टैंकर जाने के बावजूद, जो एनसीएल के कर्मचारी इसमें मिले हुए हैं, वह उसे कागज पर पूरा दिखा देते हैं।

चोरी में बेचे गए डीजल से जो पैसा मिलता है, उसे गिरोह के सभी लोग बांट लेते हैं। एसपी के मुताबिक डीजल तस्करी का खेल चार स्तर पर खेला जा रहा था। इसमें एक टीम टोटल फ्यूल मैनेजमेंट, एक टीम ट्रांसपोर्टिंग, एक टीम उनसे सांठगांठ रखने वाले कुछ पेट्रोल पंपों की है। पुलिस इसकी गहनता से जांच करेगी। इसमें शामिल लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई करेगी। अभी तक 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

कभी चलाते थे टैंकर, तस्करी ने बना दिया डीजल कारोबार का बादशाह

चर्चाओं की मानें तो पुलिस के हत्थे चढ़े मुख्य ट्रांसपोर्टर मूल निवासी प्रतापगढ़, हाल पता खड़िया, शक्तिनगर निवासी मुर्तुजा खान ने कभी इंडियन आयल के डिपो से डीजल लेकर आने वाले टैंकर पर चालक का काम किया था। किस्मत ने बाजी मारी या फिर तस्करी के खेल ने कुछ इस कदर मालामाल किया कि लगभग एक दशक से मुर्तुजा के नाम शक्तिनगर इलाके के बड़े कारोबारियों में शामिल हो गया।

बताते हैं कि यूपी में जब बीजेपी की सरकारी बनी तो मुर्तुजा ने अपने कारोबार का मुख्यालय जिले के खड़िया से, सिंगरौली, मप्र के निगाही शिफ्ट कर लिया। वहां भैरो सर्विस स्टेशन नामक पेट्रोल पंप के संचालन की जिम्मेदारी लेकर, अपने ट्रांसपोर्टिंग कारोबार का दफ्तर भी वहीं से संचालित करना शुरू कर दिया। बता दें कि एसटीएफ ने भी यह बात स्वीकारी है कि वर्तमान में मुर्तुजा के पास 45 टैंकर हैं, जिसमें 14 आईओसीएल से डीजल लाकर एनसीएल में देने का काम करते हैं और इस तस्करी में उन टैंकरों की भूमिका अहम है।

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