गैंगरेप मामला: अभी जेल में ही कटेंगे गायत्री प्रजापति के दिन, बेल पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
लखनऊ: महिला से गैंगरेप के आरोपी और समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को पॉक्सो कोर्ट से मिली जमानत पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रोक लगा दी है। गौरतलब है, कि गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर एक महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाया था। प्रजापति पर उस महिला की बेटी के शोषण का भी आरोप है। बीते दिनों उन्हें पॉक्सो कोर्ट से जमानत मिल गई थी। उनके दो साथी पिंटू और विकास को भी एक-एक लाख रुपए जमा करने के बाद बेल मिली थी।
उल्लेखनीय है, कि गायत्री प्रजापति जेल से रिहा होने की तैयारी में थे। उन्हें पिछले दो मामलों में पुलिस कस्टडी की रिमांड दाखिल कर दी गई थी। इसके बाद आनन-फानन में बेल कराने में शामिल दरोगा को भी सस्पेंड कर दिया गया था।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर
बता दें कि गैंगरेप मामले में गायत्री प्रजापति को बीते 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। यहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। गायत्री प्रजापति के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है। पॉक्सो कोर्ट से जमानत की खबर आते ही सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
जमानत देने वाले जज की मंशा पर चीफ जस्टिस ने जताया संदेह
परिस्थितियेां पर गौर करने के बाद अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने गायत्री सहित दो अन्य को जमानत देने वाले जज की मंशा पर अपनी आपत्ति जाहिर की। चीफ जस्टिस ने कहा, कि उक्त जज 30 अप्रैल को रिटायर होने जा रहे हैं और जिस प्रकार से उन्होेने काम किया वह घोर आपत्तिजनक है। हालांकि, जस्टिस ने केस के मेरिट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
गायत्री ने एडीजे से छिपाया था अपना आपराधिक इतिहास
एडीजे के सामने दाखिल अपनी जमानत अर्जी में गायत्री ने लिखा था कि उसका कोई आपराधिक रिकार्ड नही है। जबकि सरकार की ओर से उसके खिलाफ दर्ज कई केसों का हवाला पेश किया गया।