बहराइच: नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भारी वर्षा के चलते एक बार फिर घाघरा नदी उफान पर आ गई है। एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिसके चलते महसी तहसील क्षेत्र के निचले इलाकों में बसे 6 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। हड़कंप की स्थिति है। अब तक सिर्फ तीन गांवों में ही नाव की व्यवस्था हो सकी है।
जरमापुर-कायमपुर संपर्क मार्ग भी बाढ़ के बहाव में कट गया है। हालांकि प्रशासन समुचित व्यवस्थाओं का दावा कर रहा है। उधर जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ ही कटान भी तेज हो गई है। गोलागंज गांव में तीन ग्रामीणों के मकान सुबह नदी की धारा में समाहित हो गए। जबकि 30 बीघा खेती योग्य जमीन भी कटान की भेंट चढ़ी है।
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घाघरा नदी के जलस्तर में सप्ताह भर से उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा था। बीते दो दिनों से नेपाल के पहाड़ों पर भारी वर्षा शुरू हुई। जिसके चलते नेपाल से आने वाले पानी के चलते घाघरा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। केंद्रीय जलायोग संस्थान घाघराघाट के मापक सुशील कुमार शुक्ला ने बताया कि खतरे का निशान 106.07 मीटर है। इसके सापेक्ष नदी का जलस्तर 106.356 मीटर रिकॉर्ड हुआ है।
नदी के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते महसी तहसील क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। महसी तहसील क्षेत्र के 6 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। अब तक सिर्फ तीन गांवों में ही तहसील प्रशासन ने नाव की व्यवस्था करवाई है। वहीं तेजी से पानी आने के चलते जरमापुर-कायमपुर संपर्क मार्ग पूरी तरह कट गया है। अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है।
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बाढ़ के पानी से यह गांव घिरे
घाघरा नदी के उफान के चलते महसी तहसील के नागेश्वरपुरवा, प्रधानपुरवा, गोलागंज, कोरिनपुरवा, कायमपुर, पिपरा, पचदेवरी, मंगलपुरवा, मैकूपुरवा, चमरहियापुरवा, लोनियनपुरवा, अहिरनपुरवा और रामदासपुरवा पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। अफरा-तफरी की स्थिति से सभी का सामना हो रहा है। जलस्तर निरंतर बढ़ने के कारण ग्रामीण काफी परेशान हैं।
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तीन गांवों में लगाई गई नाव, अन्य गांवों में कर रहे व्यवस्था
घाघरा नदी के उफान की सूचना मिली है। नदी के मुहाने पर बसे कुछ गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद नागेश्वरपुरवा, प्रधानपुरवा और कायमपुरवा में नाव की व्यवस्था करवाई गई है। जरमापुर-कायमपुर संपर्क मार्ग कटने की सूचना नहीं थी। अब पता चला है। नाव व राहत दल गांव भेजा जा रहा है।
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इन ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित
जलस्तर बढ़ने के साथ ही तेज हुई कटान के चलते महसी तहसील के गोलागंज गांव निवासी विद्याराम, जसकरन, कन्हैयालाल के मकान नदी में समाहित हो रहे हैं। जबकि इस गांव के ग्रामीणों की खेती योग्य कई बीघा जमीन भी नदी की मुख्य धारा में मिल गई है।
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