अपात्रों को सरकारी सुविधाः ग्राम प्रधान पर लगा बड़ा आरोप, जांच से संतुष्ट नहीं विपक्ष

विशुनपुरा गांव के जयश्री यादव ने ग्राम प्रधान जितेन्द्र यादव पर आरोप लगया की गांव के प्रधान जितेन्द्र यादव द्वारा शौचालय का पैसा उन लोगों को आवंटित किया गया है,जो इसके पात्र नहीं और उनके घर में सरकारी नौकरी है।

Update: 2020-10-16 18:04 GMT

गाजीपुर। देश के प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के हर एक राज्य में शौचालय निर्माण के लिए बारह हजार की राशि प्रदान की थी।ताकी देश के हर एक गांव के हर घर में शौचालय हो।जिससे देश स्वच्छता की ओर बढ़ सके लेकिन ग्राम प्रधानो ने शौचालय की धनराशि उन लोगों को आवंटित कर दिया।जिनके घर में सरकारी नौकरीयां है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद मोहम्दाबाद तहसील अंतर्गत बाराचवर विकास खण्ड नसीरपुर विशुनपुरा गांव से सामने आया है।

विशुनपुरा गांव के जयश्री यादव ने ग्राम प्रधान जितेन्द्र यादव पर आरोप लगया की गांव के प्रधान जितेन्द्र यादव द्वारा शौचालय का पैसा उन लोगों को आवंटित किया गया है,जो इसके पात्र नहीं और उनके घर में सरकारी नौकरी है। जय श्री यादव ने बताया की ग्राम प्रधान जितेन्द्र यादव एक ही घर में दो लोगों को शौचालय की धनराशि आवंटित किया है।हालांकि ग्राम प्रधान जितेंद्र यादव इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

ग्राम प्रधान जितेंद्र यादव ने सरकारी धन राशि का किया दुरप्रयोग

शिकायतकर्ता जय श्री यादव ने बताया की ग्राम प्रधान जितेंद्र यादव शौचालय के धनराशि का दुरप्रयोग किया है।उन्होंने बताया की विशुनपुरा के ग्राम प्रधान उन लोगों को पैसा आवंटित किया है।जिनके घर मे सरकारी नौकरी है,यही नहीं ग्राम प्रधान ने घोटाले को ओर बढ़ाते हुए एक ही घर में दो दो लोगों को शौचालय का पैसा आवंटित कर दिया।

जयश्री यादव ने बताया की ग्राम प्रधान ने ऐसे करीब दस लोगो को शौचालय की धन राशि आवंटित किया है।जो सरकारी नौकरी कर रहें,और पेंशनर है।

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वहीं ग्राम प्रधान जितेंद्र यादव ने बताया की शौचालय के धनराशि का दुरपयोग हमारे द्वारा नहीं किया गया जो हमारे उपर आरोप लग रहे हैं।वो सरासर गलत है। हालांकि ग्राम प्रधान ने इस बात को माना की शौचालय का सर्वे करते वक्त जानकारी नहीं हो पाई।जिसके वजह से दो चार सरकारी नौकरी वालो को शौचालय का धन आवंटित हो गया।

मानक के अनुरूप नहीं बना शौचालय

शिकायतकर्ता जय यादव ने आरोप लगाया की जो शौचालय का निर्माण कराया गया है,वो मानक के अनुरूप नहीं बना है।शिकायतकर्ता ने बताया की शौचालय के निर्माण मे सिर्फ सफेद बालु का प्रयोग किया गया है।जिसके वजह से निर्माणाधीन शौचालय एक साल के अंदर ही जगह जगह से पर्ते छोड़ने लगा है।

जरुरतमंदो को नहीं किया गया धन आवंटित

शिकायतकर्ता जय श्री यादव ने बताया की जरुरतमंदों को शौचालय का पैसा आवंटित नहीं कीया गया है।उन्होंने बताया की प्रधान द्वारा हाथ से लिखी सुची दिखलाई जा रही है।जो नेट द्वारा निकलवाया गया सुची से मेल नहीं हो रहा है।क्यो की जिसके नाम से शौचालय की सुची तैयार किया गया है।वहीं सरकार को भेजी जाती है।उन्होंने बताया की नेट के माध्यम से निकलवाया गया सुची में आधे लोग अपात्र पाये गये है।

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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में जाने के बावजूद भी तलाब का मनरेगा के तहत कराया गया खुदाई

शिकायतकर्ता जयश्री ग्राम प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहते है,की प्रधान ने उस तलाब की भी खुदाई करवा दिया।जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में पड़ा है।उन्होंने बताया की अखिलेश सरकार ने सन्2014,15 मे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए जमीन आवंटित किया था।वही ग्राम प्रधान जितेंद्र यादव ने बताया की हमारे यहां कोई नोटिस नहीं भेजा गया था।प्रधान ने बताया की पोखरी की रजिस्ट्री नहीं हुई थी।वहां पोखरी की जरुरत थी।

नसीरपुर विशुनपुरा गांव में जांच अधिकारी ने किया जांच

जांच करने आये लघु सिंचाई अधिकारी ने बताया की नसीरपुर गंधपा (विशुनपुरा) गांव के जय श्री यादव यहां के खिलाफ जिलाधिकारी महोदय के पास.जांच करने के लिए अपील किया था।जिसमे गोरील बाबा के पोखरी के साथ शौचालय की जांच की मांग किया। था।

जांच अधिकारी ने बताया की शिकायतकर्ता ने शौचालय जांच के लिए जहां, जहां लेकर गये वहां जांच किया गया।

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जांच अधिकारी ने बताया की वहां पोखरी अस्तीत्व में नही है। अधिकारी ने बताया की शिकायतकर्ता अखबार की कटिंग भी दिखला रहे थे।अब सभी रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदय के पास पेश किया जायेगा।उसके बाद जिलाधिकारी को जो करना होगा वो करेंगे।

शौचलय मौके पर मिले सही

जांच करने आये लघु सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया की 154 शौचालये का पैसा आया है जिसमे 149 का लिस्ट दिया है,और पाच निर्माणाधीन बता रहे है।जांच अधिकारी ने बताया की शौचालय लगभग सभी मौके पर मिल रहे है,जिसमे कुछ का दरवाजा टुटा हुआ. है।क्यो की लाभार्थी शौचालय का रख रखाव सही ढंग से नहीं कर रहें है।

जांच अधिकारी ने बताया की गस तरह का कोई भी शौचालय नहीं मिला जो लिस्ट में हो और मौके पर निर्माणधीन ना हो।

वही प्रधान ने बताया की पोखरी की खोदाई के वक्त किसी भी अधिकारी द्वारा नोटिस नहीं दिया गया। वहीं शिकायतकर्ता जय श्री यादव इस जांच से संतुष्ट नहीं है।शिकायतकर्ता ने बताया की मै इस जांच से संतुष्ट नहीं हुं।जांच ठीक से नहीं किया गया।

रजनीश कुमार मिश्र

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