चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल के नाम से फेमस पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ वाकई एक ब्यूटीफुल सिटी है। ऐसे में अगर आपने भी इस यूनियन टेरिटरी का दीदार नहीं किया है तो मानसून के मौसम में इस जगह की सैर जरुर कर आएं। ऐसे में आज हम आपको चंडीगढ़ के कुछ मुख्य आकर्षणों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में जानकार आप अपनी ट्रिप को जरुर प्लान करेंगे।
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कैपिटल कॉम्प्लैक्स
यहां हरियाणा और पंजाब के अनेक प्रशासनिक भवन हैं। विधानसभा, उच्च न्यायालय और सचिवालय आदि इमारतें यहां देखी जा सकती हैं। यह कॉम्प्लेक्स समकालीन वास्तुशिल्प का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहाँ का ओपन हैंड स्मारक कला का उत्तम नमूना है।
21 जून 2016 को द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रमुख आयोजन करने के लिए इसी स्थान को चुना गया। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30,000 प्रतिभागियों के साथ योग किया। कैपिटल कॉम्प्लेक्स को 2016 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
रॉक गार्डन
चंडीगढ़ आने वाले पर्यटक रॉक गार्डन आना नहीं भूलते। इस गार्डन का निर्माण नेकचंद ने किया था। इसे बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। पर्यटक यहां की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जातें हैं। हर साल इस गार्डन को देखने हजारों पर्यटक आते हैं। गार्डन में झरनों और जलकुंड के अलावा ओपन एयर थियेटर भी देखा जा सकता, जहाँ अनेक प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां होती रहती हैं।
रोज़ गार्डन
जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन के नाम से विख्यात यह गार्डन एशिया का सबसे बड़ा रोज़ गार्डन है। यहां गुलाब की 1600 से भी अधिक किस्में देखी जा सकती हैं। गार्डन को बहुत खूबसूरती से डिजाइन किया गया है। अनेक प्रकार के रंगीन फव्वारे इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। हर साल यहाँ गुलाब पर्व आयोजित होता है। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों का यहाँ आना होता है।
सुखना झील
यह मानव निर्मित झील 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। इसका निर्माण 1958 में किया गया था। अनेक प्रवासी पक्षियों को यहां देखा जा सकता है। झील में बोटिंग का आनंद लेते समय दूर-दूर फैले पहाड़ियों के सुंदर नजारों के साथ-साथ सूर्यास्त के नजारे भी यहाँ से बड़े मनमोहक दिखाई देते हैं।
संग्रहालय
चंडीगढ़ में अनेक संग्रहालय हैं। यहां के सरकारी संग्रहालय और कला दीर्घा में गांधार शैली की अनेक मूर्तियों का संग्रह देखा जा सकता है। यह मूर्तियां बौद्ध काल से संबंधित हैं। संग्रहालय में अनेक लघु चित्रों और प्रागैतिहासिक कालीन जीवाश्म को भी रखा गया है। अन्तर्राष्ट्रीय डॉल्स म्युजियम में दुनिया भर की गुडियाओं और कठपुतियों को रखा गया है।
सुखना वन्यजीव अभयारण्य
लगभग 2600 हेक्टेयर में फैले इस अभयारण्य में बड़ी संख्या में वन्यजीव और वनस्पतियां पाई जाती हैं। मूलरूप से यहां पाए जाने वाले जानवरों में बंदर, खरगोश, गिलहरी, साही, सांभर, भेड़िए, जंगली शूकर, जंगली बिल्ली आदि शामिल हैं। इसके अलावा सरीसृपों की अनेक प्रजातियों भी यहां देखी जा सकती हैं। अभयारण्य में पक्षियों की विविध प्रजातियों को भी देखा जा सकता है।