Gomti River Front Scam: सीबीआई की टीम ने शिवपाल के करीबी कांट्रेक्टर का आवास किया सीज
सीबीआई की नई एफआईआर के बाद उत्तर प्रदेश, बंगाल और राजस्थान में छापेमारी गई है।
Gomti River Front Scam: अखिलेश सरकार में राजधानी लखनऊ में निर्मित कराये गए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले को लेकर सीबीआई की नई एफआईआर के बाद उत्तर प्रदेश, बंगाल और राजस्थान में छापेमारी गई है। गोमती रिवरफ्रंट घोटाले को लेकर के 2 जून को हुई एफआईआर में 190 लोगों को नामजद किया गया है। सीबीआई की छापेमारी इसी को लेकर के एक साथ की जा रही है। राज्य के 17 शहरों में यह छापेमारी एक साथ चल रही है।
इसी कड़ी में इटावा में भी छापेमारी का यह अभियान चलाया गया है। कांट्रेक्टर पुनीत अग्रवाल के चोगुर्जी ओर आवास विकास स्थित आवास पर सीबीआई के 6 सदस्यों के एक दल ने छापेमारी की है। पुनीत अग्रवाल शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी बताए जा रहे हैं। हालांकि सीबीआई टीम पूरे प्रकरण को लेकर के बहुत कुछ तो नहीं बताया लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि सीबीआई टीम पुनीत अग्रवाल के घर से तमाम दस्तावेज संकलित करके ले गई है। जिसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि पुनीत अग्रवाल ने किस तरह से गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण में भूमिका निभाई है। सीबीआई की टीम 4 घंटे से अधिक समय तक चोगुर्जी आवास पर रुकी है।
वहीं यह भी जानकारी सामने निकल कर के आ रही है कि सीबीआई की टीम पुनीत अग्रवाल से पूछताछ के लिए 15 सवालों से जुड़ी हुई एक लिस्ट भी लाई थी, जिसके माध्यम से कांट्रेक्टर पुनीत अग्रवाल से यह जानने और समझने की प्लांनिग थी कि उन्होंने किस तरह से गोमती रिवर फ्रंट के लिए किस-किस सामग्री की आपूर्ति की है या फिर किस किस निर्माण में भूमिका अदा की है। क्या किसी राजनेता ने तो ठेका दिलाने में मदद की है। कमीशन का स्तर क्या रहा है। इस तरह के कुछ सवाल पुनीत अग्रवाल से पूछे जाने का मन बना करके सीबीआई की टीम आई थी, लेकिन पुनीत अग्रवाल के न मिलने से अब यह टीम दोबारा आने की उम्मीद है। दोपहर बाद सीबीआई टीम ने पुनीत अग्रवाल के आवास विकास वाले आवास को सीज कर दिया है।