Gorakhpur News: 35 करोड़ की संपत्ति 21 करोड़ में बेच रहा गोरखपुर विकास प्राधिकरण, जानें क्यों
गोरखपुर विकास प्राधिकरण अपने जीडीए टावर की दुकान, फूड कोर्ट और ऑफिस ब्लॉक की कीमतों में कटौती की है।
गोरखपुर: कोरोना काल में गोलघर जैसी महत्वपूर्ण जगह पर व्यावसायिक जगह तलाश रहे लोगों के लिए बहुत राहत भरी सूचना है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (Gorakhpur Development Authority) ने गोलघर स्थित अपने जीडीए टावर की दुकान और फूड कोर्ट से लेकर ऑफिस ब्लॉक तक की कीमतों में 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक की कमी कर दी है। टावर की कुल खाली बची 35 व्यावसायिक संपत्ति की पूर्व में कीमत 35.24 करोड़ रुपये थी जिसे प्राधिकरण ने अब घटाकर 21.25 करोड़ रुपये कर दिया है।
दरअसल, करीब एक दशक से खाली चल रही इन संपत्तियों को बेचने के लिए जीडीए ने कई बार प्रयास किए। मगर नीचे के तीन तल की दुकानों-फूड कोर्ट को छोड़कर बाकी ऊपर के सभी तलों की ज्यादातर संपत्तियों में किसी ने रुचि नहीं दिखाई। प्राधिकरण के मुताबिक प्रथम और द्वितीय तल पर एक-एक दुकानें और तृतीय तल पर दो फूड कोर्ट खाली है। जबकि तीसरे तल से लेकर छठें तल तक में मिलाकर कुल 31 ऑफिस ब्लाक खाली हैं। जीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार का कहना है कि जीडीए टावर की खाली पड़ी व्यावसायिक संपत्तियों का रेट रिवाइज किया गया है। इन संपत्तियों की कीमत करीब 25 से 30 फीसदी तक कम की गई है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति 30 जून तक दुकान, फूड कोर्ट और ऑफिस ब्लाक के लिए पंजीकरण करा सकता है। सात जुलाई को नीलामी के जरिए इनका आवंटन होगा।
दाम बढ़ने के बजाए इस लिए घट गए
इन संपत्तियों को दो साल पहले ही फ्लॉप संपत्ति घोषित किया जा चुका है। हर साल एक अप्रैल से जीडीए की आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियों के दर में 10 से 18 फीसदी तक की वृद्धि होती है मगर प्राधिकरण बोर्ड के निर्देश पर दो साल से इन संपत्तियों की कीमत में वृद्धि नहीं की जा रही है। बावजूद इसके ये संपत्तियां नहीं बिक रही थी। इसपर बोर्ड ने इन संपत्तियों की कीमत रिवाइज करने का निर्देश दिया था। बोर्ड के निर्देश पर जीडीए ने इनकी कीमत घटाकर नई कीमत तय की है।